Tuesday, April 22, 2025

अनमोल वचन

संसार का प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में सुख की कामना करता है, भौतिक सुख सुविधाओं को पाने का प्रयास करता है। उन्हें प्राप्त करने के लिए कभी-कभी अनीति का सहारा लेने में भी संकोच नहीं करता, परन्तु सम्पदा और सुख सुविधाएं जुटाने के लिए नीति मार्ग का त्याग कर अनीति का मार्ग अपना लेना अनर्थ है।

इसके परिणाम भयंकर, अशुभ एवं अमंगलकारी है। नीति विरूद्ध आचरण मनुष्य को पतन की ओर ले जाता है। अनीति से दुख-कष्ट तथा पाप बढ़ते हैं, अशान्ति तथा अवसाद उत्पन्न होते हैं। यह मानव जीवन की असफलता है, जबकि नीति का अनुसरण गहन अंधकार में भी प्रकाश पुंज है, मार्गदर्शक है। आज का युग किस दिशा में जा रहा है, जिसके कारण चहुंओर इतनी अशान्ति है?

लोगों के आपसी व्यवहार में, व्यक्तिगत आचरण में नीति-अनीति के मध्य भेद समाप्त होता जा रहा है, फलस्वरूप दुराचार बढ़ता जा रहा है। जीवन में बैर, भाव, घृणा, ईर्ष्या, हिंसा, तनाव, अवसाद तथा अशान्ति बढ़ रही है।

कलह-क्लेश ने जीना दूभर कर दिया है। इसलिए सच्ची प्रगति और आत्मिक शान्ति के लिए नीति का मार्ग ही अपनाना श्रेयष्कर है, अपने लिए भी और दूसरों के लिए भी।

यह भी पढ़ें :  'मुज़फ्फरनगर' को 'लक्ष्मीनगर' लिखने पर हिंदू युवा वाहिनी के खिलाफ हो गया मुकदमा दर्ज, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय