Monday, November 18, 2024

अनमोल वचन

आज अन्तर्राष्ट्रीय मातृ दिवस है। दो अक्षरों से बना छोटा सा शब्द है ‘मां’  परन्तु इस छोटे से शब्द में प्रेम, स्नेह, अभिलाषा और इतनी शक्ति है कि इसे करोड़ों शब्दों से भी परिभाषित नहीं किया जा सकता, जिसका प्यार मरते दम तक नहीं बदलता उसे मां कहते हैं।

इसलिए मां सदा से ही वन्दनीय रही है। मां साक्षात ईश्वर होती है। संतान की पहली गुरू होती है। बदले में वह सन्तान से कुछ नहीं बस थोड़ा सा वक्त और प्यार भरा सम्मान चाहती है। मां जिस प्रकार अपने बच्चे का पालन पोषण करती है उसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता। अपनी जननी को आयु पर्यन्त अपने पास बनाये रखने का प्रयास हर अच्छा पुत्र करता है।

मां से बढकर संतान के लिए दुनिया में कोई दूसरा नहीं हो सकता। हमारी संस्कृति जानती है मां के महत्व को। भारत की संस्कृति जानती है कि मां होने के क्या अर्थ होते हैं, मां कैसी होती है, मां क्यों होती है और मां की गरिमा क्या होती है? मां की जो विशालता है उस विशालता को उस महिमा को व्यक्त करने के लिए संसार के सारे शब्द कोष कम पड़ जायेंगे।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय