किसी विद्वान कवि का यह कथन है कि जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैंठ अर्थात कुछ पाने के लिए हमें गम्भीरता से सद्प्रयास करने होंगे। थोडी सी भी असफलता मिलने पर हम निराश हो जाते हैं। मान लो हमें अपने खेत में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए कुंआ बनाना है और हम पांच सात फुट का गड्ढा खोदकर पानी लेना चाहे तो वह हमें कैसे मिलेगा।
पानी प्राप्त करने के लिए हमें उतना गड्ढा तो बनाना ही होगा, जहां पर पानी का स्रोत हमें प्राप्त हो, उसके लिए हमें गहराई तक जाना होगा। इसी प्रकार कुछ पाने के लिए हमें किसी भी एक मंत्र का जीवन पर्यन्त जाप करना होगा। उस मंत्र की भावना के अनुरूप जीवन को ढालना होगा, सभी मंत्रों में शक्ति है। सभी मंत्र प्रभु की ओर ले जाने वाले हैं।
आवश्यकता है उसके अनुसार निष्ठा और विश्वास के साथ मंत्र की भावना के अनुरूप स्वयं के आचरण में सुधार लाने की फिर देखिए आपको कैसे अपनी इच्छा के अनुसार फल प्राप्त होगा, निश्चित रूप से प्राप्त होगा। जिसमें सच्चा भाव होगा, दृढ विश्वास होगा आस्था होगी, वह उसके अनुसार सब कुछ पाकर भवसागर से पार हो जायेगा। उसका कल्याण हो जायेगा।