Wednesday, April 2, 2025

अनमोल वचन

संसार में दो ही मार्ग हैं प्रेय मार्ग और श्रेय मार्ग। लोक-परलोक की चिंता न कर अच्छाई-बुराई का विचार किये बिना, येन-केन प्रकारेण धन कमाकर मौज-मस्ती का जीवन यापन पे्रय मार्ग है। परमात्मा की भक्ति करते हुए इस लोक के साथ परलोक को सुधारने का चिंतन करते हुए शुचिता और पवित्रता के साथ अपने कत्र्तव्यों को पूरा करते हुए सदाचरण के साथ जीवन व्यतीत करना श्रेय मार्ग है। मनुष्य को इस बात को जानने और समझने की आज नितान्त आवश्यकता है कि आखिर जीवन का सच्चा मार्ग कौन सा है और हमारे लिए इसकी प्राप्ति कैसे सम्भव है। अज्ञानता और स्वार्थ के वशीभूत होकर हम अंधेरे में भटकते-भटकते सच्ची राह पाने से वंचित हो जाते हैं और जब ज्ञान होता है तो बहुत देर हो चुकी होती है। कारण साफ है इसमें पात्रता का अभाव, हम कुमार्ग पर गति शीघ्र पकड़ लेते हैं, क्योंकि वही हमें सुविधाजनक लगता है। श्रेय मार्ग पर चलने के लिए कुछ कष्ट तो उठाने पड़ते ही हैं, किन्तु अन्तत: आत्मिक आनन्द इसी मार्ग पर प्राप्त होता है।

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