बुद्धिमानी इसमें है कि जीवन में मिले मूल्यवान समय का सदुपयोग करते हुए कड़ा परिश्रम करें ताकि कार्य सही समय पर सम्पन्न हो। अधिक कार्य क्षमता प्राप्त करने के लिए विश्राम भी आवश्यक है। इसलिए विश्राम भी करें, परन्तु उसका समय निश्चित करें। समय बड़ा मूल्यवान है, उसे व्यर्थ न जाने दें।
जितना समय धन को बचाकर उसे उपयोगी कार्यों में लगाओगे उतनी ही आपके व्यक्तित्व की महत्ता एवं हैसियत बढग़ी। नियमित समय पर काम करने का अभ्यास डाले। आदत पड़ जाने पर स्वयं ही बड़ा आनन्द आयेगा। आपको अमुक दिन अमुक गाड़ी से अमुक स्थान जाना है।
यदि रेलगाड़ी के सीटी देने के एक मिनट बाद भी रेलवे स्टेशन पनर पहुंचे फिर वह गाड़ी, वह दिन, वह समय कभी नहीं मिलेगा। निश्चित समय निकलने के बाद किसी ऑफिस में जायें तो निश्चय ही काम नहीं होगा। अपने काम और समय का इस प्रकार मेल रखें कि उसमें एक मिनट का भी अन्तर न आये, तभी अपने समय का पूरा-पूरा सदुपयोग कर सकेंगे।
आलस्य समय का सबसे बड़ा शत्रु है। वह कई रूपों में मनुष्य पर अधिकार जमाता है। कई बार थोड़ा सा काम करने के बाद ही विश्राम के बहाने हम अपने समय को बर्बाद करने लगते हैं। जैसे बीमारी आदि में विश्राम करना जरूरी है, लेकिन आराम होते ही अपने सामर्थ्य के अनुकूल काम पर लगे, परन्तु समय को नष्ट न करें।