असफलताओं, समस्याओं, कठिनाईयों का सामना जीवन में कभी न कभी सभी को करना पड़ता है, किन्तु जीवन में कठिन लगने वाली स्थितियों, परिस्थितियों के बीच भी हमारे पास खुश रहने के बहुत से तरीके होते हैं। हमें कठिनाईयों और समस्याओं से जूझते हुए सर्वप्रथम इनकी सहायता लेनी चाहिए, सबसे श्रेष्ठ तरीका है कि हम जो भी काम करते हैं, उसके प्रति लगाव रखें, निष्ठा से उसका सम्पादन करे, परिश्रम की महत्ता को समझ जाये। काम के बोझ के कारण अथवा काम के बीच में आने वाली बाधाओं से स्वयं को दुखी करने के बजाय यह सोचे कि हमें अपने द्वारा किये गये परिश्रम का सम्मान करना है। हम अपने परिश्रम का सम्मान करेंगे तो कार्य से सम्बन्धित बाधाएं तो समाप्त होगी ही, साथ ही बाधाओं के कारण उपजा अलगाव भी मिट जायेगा। कुछ दिनों तक यदि हम अपने कार्यों को इस भावना से करेंगे तो निश्चित रूप से हमारे भीतर एक नई वैचारिक ऊर्जा प्रवाहित होने लगेगी। यह स्थिति व्यक्ति को आध्यात्मिक चिंतन की ओर अग्रसर करती है।