Friday, February 21, 2025

मुजफ्फरनगर में महिला ने एडीएम पर लगाए मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न के आरोप, सुप्रीमकोर्ट से मांगी इच्छामृत्यु !

मुजफ्फरनगर। एक महिला ने मुज़फ्फरनगर के एडीएम पर मानसिक व शारीरिक उत्पीडन का आरोप लगाया है। पीड़िता महिला ने सुप्रीमकोर्ट से इच्छामृत्यु की अपील की है।

महिला ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि उसे धमकाते हुए झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी देने एवं विधि विरूद्ध तरीके से शासनादेशों का खुला उल्लंघन करते हुए विपक्षी की प्राईवेट गाडियों में चलने व अपने दफ्तर में प्राईवेट बाबू ललित कुमार से सरकारी कार्यालय का फाईलों में कार्य कराने तथा प्रार्थीया के घर प्राईवेट पटवारी इमरान निवासी मुझेडा व अन्य दबंग व्यक्तियों एवं अधिकारियों को भेजकर धमकाने से क्षुब्ध होकर अपने परिवार सहित जीवनलीला समाप्त करने की अनुमति प्रदान की जाए।

 

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पीड़िता इमरानी ने डीएम को दिए पत्र में लिखा है कि वह और उसकी बहन इरफानी ग्राम मुझेडा तहसील जानसठ के गाटा संख्या 1267 में 344.19 वर्गमीटर अकृषिक घोषित की बजरिये बैनामा मालिक काबिज व स्वामी है, जिसका अर्जन नेशनल हाईवे आर्थोरिटी आफ इंडिया द्वारा एनएच-709एडी के फोरलेन/चौडीकरण हेतु किया है।

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उसको हाईकोर्ट के आदेश के उपरांत आज तक मुआवजा नहीं दिया है और मुआवजे की मांग करने पर उसे एडीएम एफ धमका रहे है और झुठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दे रहे है। वह एडीएम के उत्पीडन से इतनी प्रताडित हो गयी है कि अब उसकी जीने की इच्छा भी समाप्त हो गयी है, क्योंकि एडीएम गजेन्द्र कुमार द्वारा विधि विरूद्ध तरीके से न्याय मांगने एवं प्रतिकर की उचित मांग करने पर प्रताडित कर समाज में लगातार अपमानित किया जा रहा है। वह डर में घुट-घुटकर नहीं जीना चाहती है।

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महिला का कहना है कि एडीएम इससे पहले उसके साथ अप्रिय घटना को कारित करे, वह अपने जीवन को समाप्त करने की स्वेच्छा से उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी से इच्छामृत्यु की अनुमति प्रदान करने की मांग करती है, जबकि उसे यह भलीभांति ज्ञात है कि संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन का अधिकार देता है, लेकिन इसकी व्याख्या करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने बताया है कि जीवन के अधिकार में गरिमा के साथ जीने का अधिकार भी शामिल है, परंतु एडीएम (एफ/आर) उसको गरिमा एवं सम्मान के साथ स्वतंत्र रूप से जीने नहीं दे रहे है और अपने अधिकारों की मांग करने पर उसको तंग व परेशान कर रहे है, इसलिए वह स्वेच्छा से गजेन्द्र कुमार एडीएम के उत्पीडन से तंग आकर इच्छा मृत्यु की मांग कर रही है, जिसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार गजेन्द्र कुमार एडीएम (एफ/आर) व उनके अन्य साथी व अधिकारी है, जिनके विरूद्ध कार्यवाही की जानी आवश्यक है, अन्यथा उसे न्याय नहीं मिलेगा।

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