नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में आज महिला पहलवानों की ओर से लिखित दलीलें दाखिल की गईं। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने दिल्ली पुलिस को अपनी लिखित दलीलें 6 दिसंबर तक कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षकार कुछ अतिरिक्त लिखित दलीलें पेश करना चाहते हैं तो वे 6 दिसंबर तक दाखिल कर दें। इस मामले में 22 नवंबर को बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर की ओर से लिखित दलीलें दाखिल की गई थीं। पहले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा था कि शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है।
उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है, ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है। तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या कोई ऐसा फैसला है जो ये कहता है कि यौन शोषण लगातार होने वाला ऐसा अपराध है जो अलग-अलग जगहों और समय पर किया गया हो। इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा था कि यौन शोषण लगातार होने वाला अपराध है, इसलिए आरोपित को जब-जब मौका मिला, उसने उनका यौन शोषण किया।
सुनवाई के दौरान 1 सितंबर को महिला पहलवानों की ओर से वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवर साइट कमेटी नियमों के हिसाब से नहीं बनाई गई थी। उन्होंने कहा था कि जिन आरोपों के तहत चार्जशीट दाखिल हुई उसी के तहत आरोपी के खिलाफ आरोप तय होने चहिए। कोर्ट ने 20 जुलाई को बृजभूषण शरण सिंह और सह आरोपित विनोद तोमर को जमानत दी थी। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं।