शामली। किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भाकियू अराजनैतिक के कार्यकर्ताओं द्वारा विधान परिषद कमेटी की बैठक से बाहर आये एमएलसी विरेन्द्र सिंह की गाडी के सामने प्रदर्शन किए जाने को लेकर हंगामा खडा हो गया। एमएलसी व किसानों में तीखी नोकझोक हुई। हालात इतने खराब हुए कि डीएम व एसपी को बीच बचाव कराना पडा। किसानों ने कलक्ट्रेट में सीडीओ की गाडी को भी रोक लिया था। काफी देर तक कलक्ट्रेट में तनाव की स्थिति बनी रही।
शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा किसानों की विभिन्न समस्याओं व मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए धरना दिया जाना प्रस्तावित था। दोपहर करीब दो बजंे उत्तर प्रदेश विधान परिषद विधायी समाधिकार समिति की बैठक भाग लेकर बाहर आये पूर्व कैबिनेट मंत्री व एमएलसी विरेन्द्र सिंह, एमएलसी वंदना वर्मा, एमएलसी सुभाष यदुवंश, एमएलसी रजनीश महेश्वरी जैसे ही अपनी गाडियों में बैठकर कलक्ट्रेट से जाने लगे तो तभी दर्जनों किसानों ने एमएलसी विरेन्द्र सिंह की गाडी के सामने बैठकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
विरेन्द्र सिंह गाडी से उतरे और किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान गन्ना भुगतान, बिजली विभाग द्वारा किए जा रहे उत्पीडन को लेकर काफी रोष में नजर आये। जिसको लेकर एमएलसी विरेन्द्र सिंह व किसानों में जमकर तीखी नोकझोक हो गई। एक तरफ से औकाज में रहने की हिदायत दी गई तो दूसरी तरफ से चुनाव में देख लेने की चेतावनी दी गई। जिसको लेकर काफी देर तक कलक्ट्रेट में शोर शराबा होता रहा।
मामला बढता देख जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिषेक किसानों व एमएलसी के बीच खडे हो गए और भाकियू अराजनैतिक के पदाधिकारियों धर्मेन्द्र मलिक, व जावेद तोमर ने भी किसानों को समझाने का प्रयास किया। काफी देर बाद एमएलसी की गाडियों को भारी सुरक्षा के बीच कलक्ट्रेट से रवाना किया गया।
अभी यह मामला शांत नही हुआ था कि कुछ किसानों ने कलक्ट्रेट से गुजर रहे सीडीओ रंजीत सिंह की गाडी को भी रोक लिया और जमकर नारेबाजी शुरू कर दी, लेकिन भारी पुलिस फोर्स ने किसी प्रकार सीडीओ की गाडी को कलक्ट्रेट से रवाना कराया। करीब एक घंटे तक चले इस घटना क्रम को लेकर कलक्ट्रेट परिसर में पूरी तरह से अफरा तफरी का माहौल बना रहा।