लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन में हाल ही में 40 अधिशासी अभियंताओं को अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नत किया गया था। हालांकि, इस प्रक्रिया में पांच अधिशासी अभियंताओं को नियमों के विपरीत पदोन्नति दिए जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। इस शिकायत की जांच की गई, और यह पुष्टि हुई कि इन पांच अभियंताओं को गलत तरीके से पदोन्नत किया गया था।
इसकी जानकारी मिलने पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने तुरंत प्रभाव से इन पदोन्नतियों को निरस्त कर दिया। इसके अलावा, इस पूरी प्रक्रिया में शामिल उपसचिव प्रशांत कुमार को उनकी भूमिका के लिए निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, कार्पोरेशन में कार्यरत अधिशासी अभियंता अजय कुमार सिन्हा, प्रतीश प्रांजल, ट्रांसमिशन विभाग के नंद किशोर, केस्को के मदन लाल, और पारेषण खंड इटावा के रजनीश कुमार की सेवा अवधि पदोन्नति के लिए अर्हकारी नहीं पाई गई है। पांच अभियंताओं की पदोन्नति को निरस्त कर दिया गया है क्योंकि उनकी पदोन्नति प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं। मुख्य कारण यह है कि सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता के पद पर 15 साल की सेवा का अनुभव होना चाहिए, तभी वे अधीक्षण अभियंता पद पर पदोन्नति के योग्य होते हैं। इसके अलावा, लेखा शाखा द्वारा इन अभियंताओं के विवरण का सत्यापन नहीं किया गया, जिससे चयन समिति के सामने गलत जानकारी प्रस्तुत की गई। परिणामस्वरूप, उनकी पदोन्नति निरस्त कर दी गई और उन्हें अधिशासी अभियंता के पद पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है। पदोन्नति सूची तैयार करने वाले अधीक्षण अभियंता (उपसचिव) प्रशांत कुमार को निलंबित कर पावर कार्पोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन से दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा के निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।