भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पदभार ग्रहण करते ही कई अहम फैसले किए, जिसमें धार्मिक स्थलों पर अनियंत्रित लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध के साथ ही राज्य में खुले में मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कल ही डॉ यादव ने शपथ ग्रहण करने के बाद शाम को मंत्रालय में पदभार ग्रहण किया था। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने मंत्रिपरिषद् की बैठक आयोजित की, जिसमें डॉ यादव के साथ उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला एवं राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा और अन्य आला अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। आधिकारिक जानकारी के अनुसार डॉ यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में जन कल्याण से जुड़े आठ प्राथमिक मुद्दों पर चर्चा हुई और मुख्यमंत्री डॉ यादव ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 12 जिलों में सायबर तहसील योजना लागू है। नागरिकों को भूमि के विक्रय विलेखों के पंजीयन (रजिस्ट्री) के उपरांत स्वचालित प्रक्रिया के माध्यम से नामांतरण की सेवा सभी जिलों में उपलब्ध होगी। सायबर तहसील में ऐसे मामलों का निराकरण (नामांतरण ) किया जाता है जिसमें संपूर्ण खसरा नंबर या संपूर्ण प्लॉट समाहित हैं और किसी भी खसरा या प्लॉट का कोई विभाजन नहीं है।
मुख्यमंत्री ने विभागों की कार्यप्रणाली में गति लाने और पारदर्शी व्यवस्था लागू कर जन समस्याओं के समाधान के कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। डॉ यादव ने बैठक में विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त, सुशासन आधारित कार्य पद्धति का विकास किया जाए। नागरिकों को राजस्व और अन्य सभी कार्यों के लिए परेशान ना होना पड़े।
बैठक में फैसला किया गया कि प्रदेश में खुले में तथा बिना अनुमति के मांस एवं मछली के विक्रय पर रोक के लिए विशेष अभियान संचालित होगा। यह अभियान 15 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक सघन रूप से चलेगा। डॉ यादव ने कहा कि इसके लिए खाद्य, पुलिस और नगरीय निकाय विभाग का संयुक्त अभियान चलाया जाए। साथ ही धार्मिक स्थल या अन्य स्थल में निर्धारित मापदंड के अनुसार ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। इसके अनुसार लाउड स्पीकर तथा डीजे के माध्यम से अपेक्षित डेसिबल से अधिक ध्वनि को रोकने के लिए ध्वनि प्रदूषण की जांच की व्यवस्था होगी। तेज आवाज में एवं बिना अनुमति के नियम विरूद्ध ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश दिए गए।
एक महत्वपूर्ण घोषणा के तहत मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत 16 शासकीय विश्वविद्यालयों और 53 निजी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की डिग्री और अंकसूची डिजी लॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में 9 शासकीय विश्वविद्यालयों और 5 निजी विश्व विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू है। डॉ यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिलना चाहिए। दस्तावेज का सार्वजनिक प्रकाशन होने से विश्वसनीयता भी बनी रहेगी। सभी विश्वविद्यालयों को यह व्यवस्था करना है। इनमें विभागों द्वारा संचालित विश्वविद्यालय भी शामिल होंगे।
बैठक में वर्ष 2024 से तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अनुसार अब पारिश्रमिक दर प्रति मानक बोरा चार हजार रुपए होगी। बैठक में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणी /चिन्हित महाविद्यालयों का पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में उन्नयन किए जाने पर चर्चा हुई।
बैठक में अपराधों और अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए न्यायालय से प्राप्त जमानत को विभिन्न धाराओं में निरस्त कराए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देने की जानकारी दी गई। इसके अंतर्गत आदतन अपराधियों द्वारा जमानत पर छूटने के बाद पुन: अपराध की घटना करने पर पुलिस मुख्यालय एवं लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा मासिक समीक्षा कर प्रकरणों में अपराधी की जमानत निरस्त करने के लिए त्वरीत कार्यवाही की जाएगी।