Sunday, May 19, 2024

मुजफ्फरनगर में बाढ़ का खतरा, कई गांव में पानी भरा, गंगा-यमुना खतरे के निशान के ऊपर, लोगों को उठानी पड रही परेशानी

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बिजनौर सांसद मलूक नागर, जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, जिलाधिकारी अरविंद मल्लपा बंगारी ने किया बाढग्रस्त क्षेत्रों का दौरा, लोगों की समस्यायें सुनी
लखनऊ/मुजफ्फरनगर। सावन माह में तेज बारिश से नदियों के बढ़े जलस्तर के बीच गुरुवार को सुबह नौ बजे तक उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जनपद के मावी क्षेत्र में यमुना नदी और बदायूं जनपद के कचलाब्रिज में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर हो गया है। मुजफ़्फ़ऱनगर के कई गांव में बाढ़ का पानी भर गया है।
केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुजफ्फरनगर में यमुना नदी खतरे के निशान से .650 मीटर ऊपर और बदायूं में गंगा नदी .450 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। दोनों ही नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। माना जा रहा है कि गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से हापुड़ और बुलंदशहर के गांव क्षेत्र जल्द ही प्रभावित होंगे। जहां गंगा खतरे के निशान से एक मीटर से भी कम बह रही है।
यमुना नदी में भी जलस्तर तेजी से बढ़ा है और आने वाले कुछ ही दिनों में मथुरा क्षेत्र में यमुना नदी का पानी खतरे का निशान पार कर सकता है। वहीं उत्तर प्रदेश जल संसाधन व सिंचाई विभाग के अभियंताओं की दो से तीन टीमें गंगा व यमुना के बढ़ते जलस्तर से होने वाले खतरे से निपटने के लिए लगायी गयी है।
इसी बीच मुजफ़्फरनगर में निरन्तर हो रही भारी बारिश व उत्तराखंड क्षेत्र से छोड़े जा  रहे पानी के कारण सोलानी व गंगा नदी उफान पर हैं। सोलानी नदी का पानी मुजफ़्फरनगर खादर क्षेत्र के आधा दर्जन गाँवो में आ गया है तथा जंगल मे खड़ी फसलों को लगभग तबाह कर दिया है। कई गाँव का सम्पर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
जिलाधिकारी  अरविन्द मलप्पा बंगारी  ने तुरन्त आपदा प्रबंधन टीम को मौके पर तलब कर तत्काल राहत कार्य किये जाने के निर्देश दिए तथा बाढ़ में फँसे ग्रामीणों को आश्रय स्थल में सुरक्षित पहुॅचाने के निर्देश दिए। मुजफ़्फरनगर जिले के ब्लॉक मोरना क्षेत्र में बहने वाली सोलानी नदी में बाढ़ आ जाने से क्षेत्र के गाँव मजलिसपुर तोफीर, खैर नगर, महाराज नगर, सिताबपुरी सहित उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सीमा पर बसे आधा दर्जन गाँवो में बाढ़ का पानी घुस गया है। दोनों राज्यों को जोडऩे वाले मोरना- लक्सर मार्ग जलमग्न हो जाने से मार्ग किनारे बसे गाँवो का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।
बाढ़ की सूचना पर पहुँचे जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने  आपदा प्रबंधन टीम को तलब कर ग्रामीण, बीमार व्यक्तियों, भैंसा बोगी को नाव द्वारा सोलानी के पुल तक लाने के पश्चात सुरक्षित स्थानों पर आश्रय दिलाये जाने हेतु निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि शुकतीर्थ व मजलिसपुर तोफिर में सोलानी नदी के पुल के पास बाढ़ चौकी स्थापित की गयी। स्वास्थ्य सेवाओं को तत्काल प्रभाव से शुरू किया गया है।
आश्रय स्थलों पर ग्रामीणों के रुकने एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था हेत उपजिलाधिकारी जानसठ को निर्देशित किया गया। उन्होने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि पशुओँ के लिये हरे चारे की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायें। उन्होनें कहा कि बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद फसलों के नुकसान का आंकलन कर हर सम्भव सहायता ग्रामीणों को उपलब्ध करायी जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि एन0डी0आर0एफ0 की टीम को भी सूचित कर दिया गया है, आवश्यकता पडने पर टीम जल्द ही जनपद में राहत कार्य आरम्भ कर देगी।
निरीक्षण के दौरान बिजनौर के सांसद मलूक नागर,जिला पंचायत अध्यक्ष वीरपाल निर्वाल , अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार, उप जिलाधिकारी जानसठ अभिषेक कुमार सहित आपदा प्रबन्धन टीम मौजूद रही।

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