Thursday, April 24, 2025

जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल को योगी सरकार की मंजूरी, फंडिंग के लिए केंद्र को भेजी डीपीआर

गाजियाबाद। गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल कॉरिडोर को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है। योगी सरकार ने गाजियाबाद-जेवर रैपिड रेल परियोजना की फंड़िंग के लिए डीपीआर को केंद्र सरकार के पास भेजा है।
ये उत्तर प्रदेश सरकार की एक बड़ी परिवहन परियोजनाओं में से एक है। जिसके तहत गाजियाबाद से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने वाली रैपिड रेल का निर्माण किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल की तर्ज पर होगा।
परियोजना दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की तर्ज पर विकसित की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी दी है। इसको अब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इसके फंडिंग पैटर्न तय करने के लिए भेजा है।

 

प्रस्तावित आरआरटीएस कॉरिडोर की लंबाई 72.44 किलोमीटर होगी। इस मार्ग पर कुल 22 स्टेशन होंगे। जिनमें 11 आरआरटीएस स्टेशन और 11 मेट्रो स्टेशन होंगे। परियोजना की अनुमानित लागत 20,637 करोड़ रुपये है। यह रैपिड रेल मार्ग जेवर एयरपोर्ट से शुरू होकर, यमुना एक्सप्रेस औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र और ग्रेटर नोएडा से होते हुए, नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन से जुड़ेगा और अंततः गाजियाबाद आरआरटीएस परियोजना तक पहुंचेगा।

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इस परियोजना के कई दूरगामी लाभ होंगे। यह न केवल ग्रेटर नोएडा को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, बल्कि जेवर एयरपोर्ट से नई दिल्ली और अन्य शहरों तक तेज़ और प्रदूषण रहित यात्रा की सुविधा भी देगी। भविष्य में इस नेटवर्क को गुरुग्राम, रेवाड़ी, अलवर, सोनीपत और पानीपत तक विस्तारित करने की योजना है। इससे जेवर एयरपोर्ट का दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी सीधा संपर्क स्थापित होगा।

 

 

राज्य सरकार का मानना है कि यह रैपिड रेल प्रणाली जेवर एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होगी। यात्री कुछ ही घंटों में दिल्ली और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों तक पहुंच सकेंगे। इस परियोजना से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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