लखनऊ। नए साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 1.46 लाख शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत दी है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षा मित्र अब अपने पैतृक गांव या उसके नजदीक स्थित स्कूल में स्थानांतरण करा सकते हैं। सरकार ने शुक्रवार को इस संबंध में एक शासनादेश जारी किया।
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शिक्षा मित्र लंबे समय से अपने नजदीकी स्कूल में तबादले की मांग कर रहे थे। सरकार ने इस मांग को पूरा करते हुए स्पष्ट किया है कि पुरुष शिक्षा मित्र और अविवाहित महिला शिक्षा मित्र अपने वर्तमान स्कूल या मूल विद्यालय में स्थानांतरण करा सकते हैं। यदि वहां रिक्त पद नहीं है, तो ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, या वार्ड के नजदीकी स्कूल में रिक्त पद पर उनकी तैनाती संभव होगी।
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शादीशुदा महिला शिक्षा मित्र अब अपने पति के निवास स्थान के निकट स्थित स्कूल में स्थानांतरण करा सकती हैं। इसके लिए पति के निवास प्रमाण पत्र के आधार पर आवेदन किया जा सकता है।
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स्थानांतरण प्रक्रिया जनपद स्तर पर गठित समिति और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विकसित पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन होगी।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक माध्यमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 2018 के स्थानांतरण आदेश के तहत अपने मूल विद्यालय में वापसी से वंचित रहे शिक्षा मित्रों को अब राहत मिलेगी।
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यह आदेश उन शिक्षा मित्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो किराए पर रहकर नौकरी कर रहे थे। अब वे अपने घर से ही स्कूल आ-जा सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति में सुधार होगा।
सरकार के इस फैसले से शिक्षा मित्रों को अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा, और वे अपने कार्यस्थल पर अधिक संतोषजनक तरीके से कार्य कर सकेंगे।