Sunday, January 5, 2025

मुजफ्फरनगर में मंत्री कपिल देव, सांसद हरेंद्र मलिक,संजीव बालियान, सुरेश राणा पर नंगला मदौड पंचायत में आरोप तय

 

 

मुजफ्फरनगर। जनपद में 2013 में हुई नंगला मंदोड की हिंदू महा पंचायत में मंत्री कपिल देव अग्रवाल,सांसद हरेंद्र मलिक और पूर्व मंत्री संजीव बालियान और पूर्व मंत्री सुरेश राणा समेत भारतीय जनता पार्टी के एक दर्जन वरिष्ठ नेताओं पर अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं।

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सिविल जज सीनियर डिवीजन देवेंद्र फौजदार ने आज नंगला मंदोड़ में हुई हिंदू महापंचायत में एक दर्जन से ज्यादा नेताओं पर लगे आरोपों पर सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में प्रदेश के राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, मुजफ्फरनगर के लोकसभा सांसद हरेंद्र मलिक,पूर्व मंत्री संजीव बालियान, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व चेयरमैंन श्याम पाल, पूर्व विधायक उमेश मलिक,पूर्व सांसद कुंवर भारतेंदु सिंह,पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व प्रमुख स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री अशोक

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कटारिया पूर्व विधायक अशोक कंसल,भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष यशपाल पवार,आचार्य नरसिंहानंद यति महाराज,साध्वी प्राची आदि के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं । इन सभी नेताओं पर इन आरोपों में मुकदमा चलेगा जिससे नेताओं की कानूनी मुसीबतें बढ़ना शुरू हो गई है।

राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि 2013 में गांव कवाल में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना एक बेटी के सम्मान से जुड़ी थी। उन्होंने बताया कि इस घटना में दो युवकों की हत्या हुई थी, जिसके बाद भारतीय जनता

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पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे लगाए गए। कपिल देव ने इसे “बेटी के सम्मान” से जुड़ा मामला बताया और कहा कि इस वजह से दो युवकों की हत्या हुई थी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए। इस मामले में वह और अन्य नेता लगातार न्यायालय में उपस्थित

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हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट में इस मामले की लगातार सुनवाई हो रही है और आज भी उसी के संबंध में वे अदालत में उपस्थित हुए। कपिल देव ने कहा कि जो भी न्यायालय का आदेश होगा, वे उसका सम्मान करेंगे।

पूर्व विधायक  उमेश मलिक ने बताया कि 2013 के कवाल कांड में तत्कालीन सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं, साध्वी प्राची, और अन्य लोगों पर मुकदमे दर्ज किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन मुकदमों का उद्देश्य

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राजनीतिक प्रतिशोध था। उन्होंने कहा कि सभी आरोपी कोर्ट में पेश हुए और आरोप तय किए गए। उन्होंने न्यायालय के फैसले का सम्मान करने की बात कही।

उन्होंने 31 अगस्त 2013 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन गौरव और सचिन की हत्या हुई थी। उन्होंने इसे समाज और जिले को झकझोर देने वाली घटना बताया। कहा कि उस समय के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह और एसएसपी मंजिल सैनी को हटा दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि सरकार में बैठे एक मंत्री ने आरोपियों को बचाने और उन्हें

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छुड़ाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद पूरा जिला और समाज आक्रोशित हो गया था। उन्होंने इसे एक प्रतिक्रिया बताया, जो सरकार की नीतियों और प्रशासन की कार्यशैली के खिलाफ थी। मामला अब कोर्ट में है, और अगली सुनवाई 30 जनवरी 2025 को होगी।

साध्वी प्राची ने बताया कि नगला मंडौर में 2013 में हुई हिंदू महापंचायत का जिक्र करते हुए कहा कि यह पंचायत एक बेटी के सम्मान के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि आज उसी मामले में वे कोर्ट में पेश हुईं। कहा कि यह महापंचायत “एक बेटी के सम्मान” की रक्षा के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने वर्तमान में उत्तर प्रदेश में भारतीय

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जनता पार्टी की सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। इसे “अति उत्तम” कार्य बताया। रालोद विधायक अशरफ अली के जलालाबाद किले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि “किला उसी को दिया जाए, जिसका वह है।”

यति नरसिंहानंद ने बताया कि 2013 के कवाल कांड में बार-बार पेश होना पड़ता है। उन्होंने इस अवसर पर हिंदू-मुस्लिम विभाजन और धार्मिक स्थलों से संबंधित अपनी विचारधारा साझा की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था। विभाजन के दौरान मुसलमानों ने हिंदुओं को मारा और उनके मंदिरों पर कब्जा कर

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लिया। उन्होंने वक्फ बोर्ड की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संस्था हिंदू धर्म के खिलाफ है। उनका कहना है कि पूरे विश्व में, जहां भी मस्जिदें हैं, वहां पहले हिंदुओं के मंदिर, चर्च, गिरजाघर, या अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल हुआ करते थे। उन्होंने दावा किया कि मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि मंदिरों को नष्ट कर मस्जिदों का निर्माण हुआ है। यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में हुआ है।

श्यामवीर सिंह एडवोकेट ने 31 अगस्त 2013 की घटना और उससे संबंधित मामले के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस घटना के संबंध में एक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें कई नेताओं और व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था। यह मामला 31 अगस्त 2013 को हुई महापंचायत से जुड़ा हुआ है। इस घटना के दौरान हुए विवाद और दंगे के कारण यह मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में डॉक्टर संजीव बालियान, सुरेश राणा,कपिल  देव

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अग्रवाल,उमेश मलिक, हरेंद्र मलिक, सोहनवीर सिंह, यशपाल पवार, कपिल देव, भारतेंदु,  रामपाल अध्यक्ष, बिट्टू, और साध्वी प्राची समेत कुल 19 लोगों को आरोपी बनाया गया था। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र प्रमुख की मृत्यु हो चुकी है। शिव कुमार की फाइल को मामले से अलग कर दिया गया है। आज (3 जनवरी 2025) को अदालत में सभी 19 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जनवरी 2025 की तारीख तय की गई है।

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