नई दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के आईएएस अभिषेक सिंह दोबारा नौकरी पर आना चाहते हैं, लेकिन उनके नौकरी में दोबारा आने के प्रयास पर योगी सरकार ने ब्रेक लगा दिया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग) द्वारा अभिषेक सिंह की सेवा में पुनः वापसी के प्रार्थना पत्र पर मांगी गई आख्या व सहमति को अस्वीकृत कर अपनी संस्तुति भेज दी है। ऐेसे में अब 2011 बैच के आईएएस अभिषेक सिंह का नौकरी में दोबारा आना मुश्किल हो गया है।
आईएएस अभिषेक सिंह ने 2013 में अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत झांसी में जॉइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर की थी। 2014 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और 2015 में उन्हें प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए दिल्ली भेज दिया गया। यह अवधि दो साल के लिए और बढ़ा दी गई और इसी बीच अभिषेक सिंह मेडिकल लीव पर चले गए। जब वह लंबे समय तक वापस नहीं लौटे तो 19 मार्च 2020 को उनका ट्रांसफर वापस से यूपी कर दिया गया। फिर भी उन्होंने लंबे समय तक ड्यूटी जॉइन नहीं की और विभाग ने उनसे इसकी वजह पूछी तो भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद वे 30 फरवरी, 2022 को अपने ड्यूटी पर वापस लौटे।
2022 में वह तब चर्चा में आ गए जब उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया। उस समय उनकी एक फोटो काफी वायरल हुई, जिसमें वह सरकारी गाड़ी के सामने खड़े नजर आ रहे थे। फोटो के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा- अहमदाबाद में ड्यूटी लगी है। वहीं चुनाव आयोग ने उनका आचरण उचित ना मानते हुए नवबंर, 2022 में उन्हें ऑब्जर्वर की ड्यूटी से हटा दिया। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश वापस लौट आए, लेकिन नियुक्ति विभाग को रिपोर्ट नहीं किया और बिना किसी को बताए नौकरी से गायब रहे। उसके बाद फरवरी 2023 में अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया गया और यूपी की योगी सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया। इसके बाद उन्होंने अक्टूबर में इस्तीफा दे दिया।
अभिषेक सिंह ने 2011 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। आईएएस अधिकारी बनने की उनकी कहानी भी फिल्म शादी में जरूर आना के सत्तू से एकदम मिलती जुलती है। अभिषेक सिंह को प्यार में धोखा मिला तो कुछ बड़ा करने का जुनून सवार हो गया और वह आईएएस बन गए। ऐसा अभिषेक का कहना है कि दिल टूटने के बाद उन्होंने सुसाइड करने की सोची, लेकिन खुद को संभाला और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। यूपीएससी क्लियर किया और 94वीं रैंक हासिल की। यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनकी मुलाकात दुर्गा शक्ति नागपाल से हुई और दोनों ने साल 2012 में शादी कर ली। दुर्गा शक्ति नागपाल इस समय यूपी के बांदा जिले में जिलाधिकारी हैं।