नोएडा। योगी सरकार ने घर खरीदारों के हित को ध्यान में रखते हुए बिल्डरों को बड़ी राहत दी है। यूपी कैबिनेट ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिश मानते हुए 1 अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कोरोना से प्रभावित कालखंड को जीरो पीरियड मानते हुए बिल्डरों को इस अवधि में ब्याज में छूट देने का फैसला लिया है।
इसके साथ कैबिनेट ने अमिताभ कांत समिति की एक और सिफारिश पर मुहर लगाई है। समिति ने सिफारिश की थी यदि आवंटी ने पूरा पैसा जमा कर दिया है और उसे कब्जा नहीं मिला है तो उसे मकान का कब्जा दिलाकर उसकी रजिस्ट्री कराई जाए। यदि क्रेता मकान में निवास कर रहा है और उसकी रजिस्ट्री नहीं हुई है तो उसकी रजिस्ट्री कराई जाए।
यूपी कैबिनेट के फैसले लागू होने से लगभग 2.40 लाख आवंटियों को राहत मिलेगी। एक तरफ घर खरीदारों की अटकी हुई रजिस्ट्री का रास्ता साफ़ होगा तो दूसरी ओर कई सालों से लटकी हुई परियोजनाएं भी पूरी होंगी और आवंटियों को घर का कब्ज़ा मिलेगा।
दरअसल, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के लिहाज से योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह कैबिनेट बैठक हुई। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फ्लैट खरीदार करीब दस-दस वर्षों से फंसे हुए हैं। हर रोज नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदार प्रदर्शन करते हैं। नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।
करीब चार महीने पहले समिति बनी थी। समिति ने डेवलपर्स की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए अपनी संस्तुतियां दी थी। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। सिफारिशें उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी।
सरकार ने गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को सिफारिशें भेजी था। प्राधिकरणों के बोर्ड ने सिफारिशों पर आंशिक आपत्तियां लगाकर सरकार को वापस भेजा था। अब मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है।