दुर्ग, (छत्तीसगढ़)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो उन्हें और न ही उनके पुत्र को अब तक कोई नोटिस मिला है। ऐसे में उनके समक्ष उपस्थित होने का सवाल ही नहीं उठता है। बघेल ने कहा कि अगर उन्हें नोटिस मिलता है, तो वे निश्चित रूप से पेश होंगे। हालांकि, उन्होंने ईडी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एजेंसी का असली मकसद सिर्फ मीडिया में हाइप क्रिएट करना और उन्हें बदनाम करना है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सात साल पहले एक सीडी कांड के जरिए भी उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी, लेकिन कोर्ट में वह मामला खत्म हो गया। बघेल ने ईडी की इस कार्रवाई को भी भाजपा द्वारा रचा गया षड्यंत्र बताया। इससे पहले सोमवार को ईडी ने छत्तीसगढ़ के भिलाई के पदुम नगर इलाके में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की थी, जिसे लेकर भूपेश बघेल ने मंगलवार को भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह संयोग है या प्रयोग, आप लोग तय कीजिए। कवासी लखमा ने जब उपमुख्यमंत्री अरुण साव से सवाल पूछा, तो उनके खिलाफ ईडी की टीम पहुंच गई।
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मैंने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से सवाल पूछा, तो चार दिन भी नहीं लगे कि ईडी पहुंच गई। मतलब हम सवाल नहीं कर सकते। यह सरकार डराना चाहती है।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई हमें रोकने, प्रताड़ित करने और दबाव डालने के लिए है। उन्होंने कहा कि झारखंड चुनाव समाप्त होने के बाद 2020 में पहली बार छापा पड़ा था। इसके बाद जब-जब वह दूसरे राज्य के चुनाव में गए, तब-तब छापे पड़े।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि महादेव बेटिंग ऐप घोटाला मामले में अब तक कोई उनके खिलाफ सबूत नहीं ला पाया। सीडी केस में उन्हें फंसाया गया, लेकिन अदालत ने क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा, “ये लोग सिर्फ मुझे फंसाने का काम कर रहे हैं। बदनाम करना चाहते हैं।” उन्होंने बताया कि उनके घर पर ईडी को 33 लाख रुपये मिले थे, जिसमें 30 लाख रुपये एजेंसी अपने साथ ले गई और बाकी तीन लाख रुपये छोड़ गई। उल्लेखनीय है कि सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके सहयोगियों से जुड़े 14 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी।