मुजफ्फरनगर। प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल कुख्यात सुशील मूंछ को गैंगस्टर के 25 साल पुराने मुकदमे में अदालत ने भगौड़ा फरार घोषित कर दिया है। सीआरपीसी की धारा 299 के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या पांच स्पेशल गैंगस्टर कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने सुनवाई की। विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार पुंडीर और राजेश शर्मा ने बताया कि वर्ष 1998 में सुशील मूंछ, दीपक शर्मा और मनोज पंवार के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमे में सुशील मूंछ को बयान मुल्जिम के लिए अदालत में हाजिर होना था, लेकिन लंबे समय से आरोपी अदालत से गैरहाजिर है।
उन्होंने बताया कि अदालत ने पहले गैर जमानती वारंट जारी किए थे। उधर, लखनऊ में पुलिस सुरक्षा में कुख्यात संजीव जीवा की हत्या में भी सुशील मूंछ का नाम आया है। गैंगस्टर सुशील मूंछ अदालत में हाजिर नहीं हुआ। अदालत ने मूंछ के जमानती कृष्णपाल और जितेंद्र सिंह पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया था। दोनों जमानतियों ने अदालत में अर्थदंड जमा कर दिया था, जिसके बाद दोनों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 446 की कार्रवाई समाप्त कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि कुख्यात सुशील मूंछ शातिर अपराधी है। एचएस-18ए और आइएस-199 के सरगना मूंछ ने अवैध धन अर्जित कर अपने ममेरे भाई मोरना ब्लॉक प्रमुख भाजपा नेता अनिल राठी एवं अन्य लोगों के नाम से 78.57 करोड़ की बेनामी संपत्ति खरीदी है, जिसकी कुर्की भी हो चुकी है। मूंछ की बेनामी 11.17 करोड़ रुपये की संपत्ति नौ जून को जब्त की गई थी।