लखनऊ – इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के इंटर कॉलेजों में चयनित प्रधानाचार्यों के मामले में फैसला आने तक पैनल के तहत उनकी नियुक्ति पर यथास्थिति बनाए रखे जाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने डॉ अमित कुमार पांडेय की याचिका पर दिया। इसमें वर्ष 2022 में नए तरीके से प्रधानाचार्यों का चयन किए जाने का आग्रह किया गया था।
याची के अधिवक्ता शरद पाठक का कहना था कि 2013 में प्रधानाचार्यों का चयन किए जाने का विज्ञापन जारी हुआ था जबकि 2022 में इनका चयन किया गया। इन नौ साल में बहुत लोग रिटायर हो गए और कई ओवरएज हो गए। इससे इनकी वरिष्ठता व पात्रता बदल गई। इसके बावजूद 2022 में प्रधानाचार्यों के चयन को तैयार किया गया पैनल कानून की मंशा के अनुसार नहीं है। ऐसे में 2022 में नया चयन किया जाना चाहिए।
उधर, मामले में पक्षकार यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अधिवक्ता भी पेश हुए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका पर निर्णय सुरक्षित कर लिया। साथ ही आदेश दिया कि मामले में फैसला आने तक पक्षकार प्रधानाचार्यों की नियुक्ति संबंधी मौजूदा यथास्थिति बहाल रखेंगें।