नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि बाहरी दबावों से भारतीय नागरिकों में घबराहट नहीं होगी। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। दिल्ली में ‘राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन’ में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि ट्रंप टैरिफ के प्रभाव का निर्धारण करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे दबावों को झेलने में सक्षम है। गृह मंत्री ने कहा, “इसके प्रभाव को निर्धारित करना अभी जल्दबाजी होगी। भारत टैरिफ का सामना करने वाला एकमात्र देश नहीं है।
कई देश टैरिफ का सामना कर रहे हैं। हो सकता है कि हमारे सामान को अन्य देशों में भी निर्यात किया जा सके।” उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी टैरिफ एक जटिल मुद्दा है। जल्दबाजी में इसके प्रभाव का निर्धारण करना समझदारी नहीं है। शाह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लचीली है और आश्वासन दिया कि इस तरह के बाहरी दबाव भारतीय नागरिकों में घबराहट पैदा नहीं करेंगे। इससे पहले, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 27 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ से छूट हासिल करने के लिए अमेरिका के साथ बात करेगा।
भारत ने इस साल के अंत तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमति बना ली है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अनुसार, नई दिल्ली की योजना एक व्यापार समझौते को मजबूत करने की है, क्योंकि अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ के प्रभाव अभी भी अज्ञात हैं। उन्होंने दिन में पहले आयोजित कार्यक्रम में कहा, “हमने फैसला किया कि हम (डोनाल्ड) ट्रंप प्रशासन के साथ इन मुद्दों पर जल्द ही बातचीत करेंगे। हम उनके साथ बहुत खुले और रचनात्मक रहे, जैसा कि वे हमारे साथ थे। हमने जो सहमति बनाई, वह यह थी कि इस साल के अंत तक एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की कोशिश करेंगे।” फरवरी में वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद, दोनों देशों ने घोषणा की कि वे 2025 के अंत तक बीटीए के पहले चरण पर बातचीत करेंगे।