शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। जहाँ ब्लॉक प्रमुख ने विकास भवन में हुई उच्च अधिकारियों की बैठक में इस घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि जिले में आयुष्मान योजना के तहत हॉस्पिटलों द्वारा लगभग 40 करोड़ रुपए का खर्च दिखाया गया है।
एक ताजा मामले बाबरी थाना क्षेत्र केडी गांव के जहूर हसन ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बिना इलाज के ही उनके आयुष्मान कार्ड से ढाई लाख रुपए निकाल लिए गए। जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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कार्रवाई नहीं की गई तो करेंगे भूख हड़ताल
ब्लॉक प्रमुख विनोद कुमार ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो वे भूख हड़ताल करेंगे। यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जिले में फर्जी आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने और कार्ड बनवाने के मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों में पुलिस कई लोगों को जेल भी भेज चुकी है। जिला प्रशासन से
मांग की गई है कि इस योजना में हो रहे घोटालों की गहन जांच की जाए। दोषी हॉस्पिटलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
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सरकारी रुपए का बंदर बाट करने का आरोप
वहीं जिले के द्वारा अधिकृत आयुष्मान कार्ड पर उपचार करने के लिये समस्त हॉस्पिटल में से 10 करोड़ रुपए अकेले गंगा अम्रत हॉस्पिटल पर उपचार की एवज में दिए जाने का आरोप लगाया है। वहीं उन्होंने ने भी इलाज के नाम पर सरकारी रुपए का बंदर बाट करने का आरोप लगाया था।
गरीबों के पैसों को धोखाधड़ी करके निकाला
ब्लॉक प्रमुख का आरोप है कि गरीबों के पैसों को धोखाधड़ी करके निकाला जा रहा है। जनपद में 38 हॉस्पिटल आयुष्मान कार्ड से संबंधित इलाज कर रहे है। जिसमें बीते साल सरकार ने जिले के 40 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। वहीं अकेले गंगा अमृत हॉस्पिटल को 1 साल में 11 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। जबकि अन्य 30 करोड़ रुपए का भुगतान जनपद में समस्त हॉस्पिटलों को किया गया। वही कांधला ब्लॉक प्रमुख विनोद मलिक के आरोपों से पर मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के बाद जल्दी निस्तारण करने की बात कही है।
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सरकारी रुपए का बंदर बाट करने का आरोप
वहीं जिले के द्वारा अधिकृत आयुष्मान कार्ड पर उपचार करने के लिये समस्त हॉस्पिटल में से 10 करोड़ रुपए अकेले गंगा अम्रत हॉस्पिटल पर उपचार की एवज में दिए जाने का आरोप लगाया है। वहीं उन्होंने ने भी इलाज के नाम पर सरकारी रुपए का बंदर बाट करने का आरोप लगाया था।