रांची। तेलंगाना के श्रीसैलम में निर्माणाधीन टनल की छत का एक हिस्सा ढहने से फंसे आठ लोगों में चार झारखंड के गुमला जिले के रहने वाले हैं। शनिवार को इसकी जानकारी मिलने के बाद चारों मजदूरों के घरों में कोहराम मच गया है। परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद स्थानीय प्रशासन के अफसरों ने मजदूरों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर राज्य की सरकार की निगाह है।
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सुरंग में फंसे मजदूरों में गुमला सदर थाना क्षेत्र के तिर्रा गांव निवासी संतोष साहू, घाघरा थाना क्षेत्र के खंभिया कुंबा टोली निवासी अनुज साहू, रायडीह थाना क्षेत्र के कोबी टोली गांव निवासी जगता खेस और पालकोट थाना क्षेत्र के उम्दा नकटी टोली गांव निवासी संदीप साहू शामिल हैं। गुमला के श्रमिक निर्मल साहू, बॉबी साहू और जुआरी साहू उन लोगों में हैं, जो हादसे के ठीक पहले टनल से बाहर निकलने में सफल रहे। इन्हीं श्रमिकों ने सबसे पहले अपने साथियों के घर वालों को हादसे की सूचना दी। संदीप साहू पिछले साल मजदूरी करने के लिए तेलंगाना गए थे।
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संदीप के साथ काम करने वाले निर्मल साहू ने शनिवार को उनकी पत्नी संतोषी देवी को घटना की जानकारी दी। इसके बाद से संतोषी देवी, बेटा ऋषभ, बेटी रीमा और राधिका की आंखों के आंसू नहीं थम रहे। इसी तरह संतोष साहू की बेटियां राधिका कुमारी और रीमा कुमारी भी रो-रोकर बेहाल हैं। राधिका ने कहा कि शनिवार शाम को हमें फोन से घटना की जानकारी मिली। सरकार से आग्रह है कि मेरे पिता सहित सभी लोगों को सुरक्षित निकाला जाए। घाघरा के अनुज साहू दो माह पूर्व काम करने गए थे।
उनके घर वाले भी परेशान हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी से आग्रह किया है कि श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के अधिकारी तेलंगाना सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, “सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाएं, मरांग बुरु से यही प्रार्थना है।”