गाजियाबाद। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ एवं राजस्थान राजपूत समाज द्वारा शास्त्री नगर में होली स्नेह मिलन का आयोजन किया गया। होली मिलन समारोह के मुख्य अतिथि श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि रहे। श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के मीडिया प्रभारी एसआर सुथार ने बताया कि होली मिलन समारोह में महाराजश्री का स्वागत अभिनंदन किया गया। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि होली का पर्व हमें आपस में मिलजुल कर रहने व अपनी सभी बुराईयों का दहन कर खुद को भक्त प्रहलाद जैसा बनाने का संदेश देता है।
यह पर्व भगवान शिव का तीसरा नेत्र खुलने से कामदेव के भस्म हो गया और उसकी भभूति से जो अभिषेक किया गया, उसके बाद से होली का पर्व मनाए जाने लगा। होली का पर्व बहुत पवित्र पर्व है। यह पर्व परिवर्तन व समन्वय का पर्व है। एक-दूसरे को मान-सम्मान देने व सत्य की विजय का पर्व है। ब्रज, बरसाना, गोकुल, वृंदावन, बनारस सभी जगह होली धूमधाम से व अलग-अलग प्रकार से मनाई जाती है। कायाी में तो कुंभ के बाद मणिकर्णा घाट, हरिशचंद्र घाट आदि पर शमशान में साधु-संतों द्वारा होली मनाई जाती है क्योंकि काशी कभी मरती नहीं, यह हमेशा जीवित रहती है। राजस्थान में प्राचीन समय में होली 15 दिन तक मनाई जाती थी। महाराजश्री ने अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ एवं राजस्थान राजपूत समाज दिल्ली प्रदेश के पदाधिकारियों व समारोह के आयोजक गंगा सिंह कठाडी, संयोजक सत्यभान सिंह सिकरवार को बधाई दी कि वे सभी दिल्ली में रहकर भी अपनी संस्कृति व परम्परा को जीवित रखे हुए हैं।
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यही हिंदू सनातन धर्म की खूबी है कि वह सभी को जोडने, मान-सम्मान देने व सभी को एक समान मानने का संदेश देती है और होली पर्व का भी यही संदेश है। विशिष्ट अतिथि राम कथा वाचक व राष्ट्र मंदिर के संस्थापक अजय भाई ने सभी को होली पर्व की बधाई दी और आपस में मिल-जुलकर प्रेम व सदभाव से पर्व को मनाने का आहवान किया। विशिष्ट अतिथि बाड़मेर के शिव विधानसभा युवा विधायक रविंद्र भाटी ने कहा कि होली का पर्व सभी को आपसी एकता व भाईचारे के रंग में देता है।