जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने यहां सचिवालय स्थित योजना भवन में सरकारी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपये और एक किलोग्राम सोना बरामद करने के मामले में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआईटी) के संयुक्त निदेशक सिस्टम एनालिस्ट वेद प्रकाश यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने शनिवार को यादव को हिरासत में ले लिया। इसके बाद मामला एसीबी को सौंप दिया गया और आरोपी को एसीबी के हवाले कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि सीसीटीवी की खरीद में किए गए भ्रष्टाचार की रकम छिपाते हुए उसका वीडियो एक सीसीटीवी कैमरे में ही कैद हो गया।
कमिश्नरेट की एक टीम शनिवार देर रात एसीबी मुख्यालय पहुंची और रिश्वत के बारे में एसीबी अधिकारियों को जानकारी दी। इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज भी दिया। इस फुटेज में वेद प्रकाश यादव 8 मई को रुपयों से भरा बैग अलमारी में छिपाता हुआ नजर आ रहा है। सीसीटीवी में साफ दिख रहा है कि ड्यूटी खत्म होने के बाद वेद प्रकाश कंधे पर लैपटॉप बैग रखकर बेसमेंट में चला गया। उसने अलमारी का ताला खोलकर बैग रख लिया। इसके बाद वह वहां से चला गया। यह वही अलमारी है जिससे पुलिस को 2.31 करोड़ रुपये और एक किलो सोना मिला था।
यह रिश्वत आरोपी ने सीसीटीवी कैमरे खरीदने के लिए ली थी। पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि यादव को हिरासत में ले लिया गया है। इसके बाद जांच हुई तो मामला साफ हो गया। आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस को 30 दिन से ज्यादा का सीसीटीवी फुटेज देखना पड़ा। वहीं, पुलिस की एक टीम ने इस विभाग के 50 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की।
सीसीटीवी फुटेज के बाद खुलासा हुआ कि जिस अलमारी में कैश मिला है, उसे वेद प्रकाश संचालित करता है। जब वेद प्रकाश से पूछताछ की गई तो उसने कबूल किया कि उसने यह रकम अलग-अलग लोगों से रिश्वत के तौर पर ली थी। वह उन्हें घर ले जाने की बजाय वहीं रखता था। जब आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया, तो पुलिस ने उसके अंबाबादी स्थित आवास की तलाशी ली, जहां से उन्हें कई दस्तावेज मिले। आरोपी कई साल से एक ही पद पर आसीन था।