Monday, April 28, 2025

सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर धोखाधड़ी, 4 गिरफ्तार

देवबंद(सहारनपुर)। देवबंद कोतवाली पुलिस ने आज देवबंद रेलवे स्टेशन के पास से ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह के चार शातिर जालसाजों विशाल पुत्र राजकुमार हाल निवासी ग्रेटर नोएडा, दीपक श्रीवास्तव पुत्र जगदीश शरण मुजफ्फरनगर, तुषार उपाध्याय पुत्र सुबोध कुमार निवासी खतौली मुजफ्फरनगर और सलाउद्दीन पुत्र मंगलूदीन निवासी पूर्वी मुस्तफाबाद लोनी देहात थाना लोनी गाजियाबाद को गिरफ्तार किया है, जो बेरोजगार शिक्षित युवकों को सरकारी महकमों में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करके मोटी रकम की ठगी करते थे।

 

 

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पुलिस उपाधीक्षक देवबंद अशोक सिसौदिया ने  बताया कि गिरफ्तार जालसाजों के पास से पुलिस ने 50 हजार रूपए नकद, एक लेपटाप, छह मोबाइल, दो एटीएम कार्ड, सात नियुक्ति पत्र, भारतीय रेलवे बोर्ड में भर्ती का आठ फर्जी आवेदन फार्म, एक आधार कार्ड की फोटो कोपी, एक हाईस्कूल की और एक इंटर की मार्गशीट की छाया प्रतियां बरामद हुई है।

 

 

पुलिस उपाधीक्षक देवबंद अशोक सिसौदिया के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ जिले के थाना गागलहेड़ी और कोतवाली देवबंद में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमें दर्ज थे। सिसौदिया ने बताया कि देवबंद कोतवाली के तहत गांव असदपुर करंजाली निवासी अक्षय कुमार पुत्र सुशील कुमार ने 22  अक्टूबर 2023  को मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि दीपक श्रीवास्तव और उसके साथियों ने उससे 44  लाख 50 हजार रूपए सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठग लिए थे।

 

दीपक श्रीवास्तव के साथ उसके तीन अन्य साथी भी शामिल थे। उधर इसी साल 12 जनवरी को प्रशांत कुमार पुत्र मुनीष कुमार निवासी गांव चौरा खुर्द थाना गागलहेड़ी की तहरीर पर दीपक श्रीवास्तव और उसके अन्य शातिर साथियों ने नौकरी लगवाने के नाम पर 20 लाख रूपए ठगी करके लेने का मुकदमा थाना गागलहेड़ी में  दर्ज कराया था। इन चार अभियुक्तों को आज देवबंद कोतवाली निरीक्षक संजीव कुमार की अगुवाई में देवबंद और थाना गागलहेड़ी पुलिस ने देवबंद रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया।

 

पूछताछ में चारों ठगों ने बताया कि वह काफी लंबे समय से गिरोह बनाकर बेरोजगार लोगों को सरकारी नौकरियां दिलाने के नाम पर ठग रहे थे। उन्होंने अनेकों बेरोजगार युवकों से अभी तक लाखों रूपयों की ठगी की है। इस गिरोह में विशाल की पत्नी करिश्मा और विशाल का भाई विकास एवं आकाश भी शामिल थे। ये कंप्यूटर में साफ्टवेयर डालकर फर्जी नियुक्ति एवं जौब आफर तैयार कर सोशल मीडिया पर डाल देते थे। बहुत सारे बेरोजगार युवक उनके संपर्क में आए। उन्होंने पूछताछ में यह भी बताया कि देवबंद के अक्षय कुमार और अन्य अभ्यर्थियों को नौकरी का झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर अपने बैंक खातों में साठ लाख रूपए जमा कराए थे।

 

 

इसी तरह अन्य स्थानों पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर बिहार और कलकत्ता में अन्य स्थानों पर फर्जी ट्रेनिंग सेंटर खोलकर ट्रेनिंग भी दी और कुछ रूपए उन्हें वेतन के रूप में भी दिए। गिरोह के जाल में फंसे युवक दूसरे लोगों को भी नौकरी लगवाने के लिए इनके पास गए। इन लोगों के पास से आज बरामद नियुक्ति पत्र के बारे में उन्होंने बताया कि वे युवकों को नियुक्ति पत्र देने और उसके बदले रूपए लेने के लिए यहां आए थे और पुलिस द्वारा पकड़ लिए गए।

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