मुजफ्फरनगर। एक अभिनव पहल जो बाल विवाह के खात्मे में जमीनी असर पर अहम भूमिका निभा सकती है, के तहत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगरमें में 55 ग्राम पंचायतों ने अपनी पंचायत और पूरे जिले को बाल विवाह से मुक्त बनाने के लिए बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। जिले में तमाम ग्राम पंचायतों ने बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया और इस दौरान सभी उम्र, जाति-बिरादरी और धर्मों के स्त्री-पुरुषों को शपथ दिलाई कि वे अपने गांव में बाल विवाह जैसे कृत्य में किसी भी तरह से सहभागी नहीं बनेंगे और उनका लक्ष्य अंतत: पूरे प्रदेश को बाल विवाह मुक्त बनाना है।
इस मौके पर खतौली क्षेत्र के भायंगी गांव की ग्राम प्रधान अंजू प्रधान ने कहा, “बाल विवाह की कड़वी सच्चाई अभी भी हमें मुंह चिढ़ा रही है। छोटी उम्र में बच्चों के ब्याह की घटनाएं अभी भी आम हैं। ऐसे में इस अपराध के खिलाफ जागरूकता के प्रसार और लोगों को बाल विवाह के सामाजिक और कानूनी दुष्परिणामों से अवगत कराने की दिशा में यह जमीनी अभियान और शपथ दिलाने जैसे कदम बेहद अहम हैं।”
उत्तर प्रदेश में बाल विवाह के मामले शून्य पर लाने के सपने को पूरा करने के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश की सभी पंचायतों को ‘बाल विवाह मुक्त उत्तर प्रदेश’ के लिए कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश देने के अलावा यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी गांवों में लोगों को यह शपथ दिलाई जाए कि वे अपने गांव में कानूनी उम्र पूरी होने से पूर्व किसी बच्चे का विवाह नहीं होने देंगे। गांवों में अभी भी बड़ी संख्या में बाल विवाह के मामलों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार की यह अधिसूचना राज्य में बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।