लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासा दखल रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) में एक के बाद एक तीन वरिष्ठ पदाधिकारियों के इस्तीफे ने पार्टी में असंतोष के सुर को मुखर किया है ।राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह व अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद सहित कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनके इस्तीफे के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं। मनजीत सिंह ने आरोप लगाए कि अब रालोद किसानों व मजदूरों की पार्टी नहीं रह गई है।
पार्टी की युवा इकाई के राष्ट्रीय सचिव अमित कुमार पटेल,अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी को भेजे इस्तीफे में पार्टी के उनकी उपेक्षा और भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। उन्होने इस्तीफे की वजह स्पष्ट करते हुये लिखा है कि पार्टी नेतृत्व की निष्क्रियता और नीतियों से आहत होकर वे अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। मंजीत सिंह और आरिफ महमूद को पार्टी सुप्रीमो जयंत चौधरी का करीबी माना जाता है।
पटेल ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने पार्टी को हाइजैक कर लिया है। उन्हे न तो टीवी चैनल में डिबेट का हिस्सा बनाया जाता है और न ही उनके फोन को रिसीव किया जाता है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय भी उनका फोन नहीं उठाते हैं। पार्टी नेतृत्व सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों को तवज्जो देता है। ऐसे में पार्टी में सांस लेना मुश्किल हो गया है।
मंजीत सिंह ने कहा कि आरिफ महमूद ने इस विषय में अपना पक्ष रखने के लिये शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस बुलायी है। वह शहर के बाहर हैं मगर वे प्रेस के सामने अपना पक्ष रखने के लिये समय पर पहुंचने का पूरा प्रयास करेंगे।