मुजफ्फरनगर। शांति सेना के द्वारा सही नेतृत्व विषय को लेकर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। 17 दिसम्बर को इस सेमिनार का शुभारंभ होगा। मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान शांति सेना अध्यक्ष मनेश कुमार गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि देश में आजादी के आंदोलन के समय जब अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की कूटनीति के अनुसार साम्प्रदायिक विवादों की आग पांव पसारने लगी तो गांधी ने आचार्य विनोबा भावे के नेतृत्व में प्रेम और अहिंसा के संदेश के सहारे इस नफरत की आग को शांत करने के लिए शांति सेना का गठन किया था।
इसी भावना के साथ समाज के गरीब व वंचित वर्ग को विशेष रूप से महिलाओं को साथ लेकर हमने शांति सेना के नाम से संगठन बनाया और कई वर्षों से उनकी आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन को दूर करने के साथ ही इस समाज के लोगों में राजनीतिक चेतना जगाने का कार्य जमीनी स्तर पर लगातार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में शांति सेना के द्वारा 17 से 19 दिसम्बर 2०23 तक एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का विषय सही नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए रखा गया है। इसमें कार्यशाला में आने वाले प्रतिभागियों को नेतृत्व की परिभाषा, लक्ष्य व दिशा पर विचार कर देश एवं दुनिया को उचित मार्गदर्शन देने की समझ व योग्यता विकसित करना है। इसमें देश के नामचीन सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करने के लिए आ रहे हैं।
शिविर का उद्घाटन राज्यपाल केरल आरिफ मौहम्मद करेंगे। विशिष्ट वक्ताओं में पूर्व रक्षा सचिव भारत डा. योगेन्द्र माथुर, पीसीआई के पूर्व अध्यक्ष उमाकांत लखेडा, सामाजिक कार्यकर्ता गुरजीत कौर एवं सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता जेडके फैजान मौजूद रहेंगे। अध्यक्षता गांधीवादी कार्यकर्ता अजीत मैथाई द्वारा की जायेगी। यह कार्यशाला 17 दिसम्बर को बडी धर्मशाला नई मंडी में शुरू होंगी । इस दौरान पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश, जोगेन्द्री कश्यप, प्रणय तायल सीए, कुसुमपाल, कांति राठी, इंतखाब, ब्रजवीर सिंह, वेदप्रकाश शर्मा, स्फूर्ति वर्मा आदि मौजूद रहे।