लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के शुरु होने से पहले कहा कि सरकार सदन में नौजवानों, महिलाओं, किसानों, युवाओं, प्रदेश की समृद्धि व सुरक्षा के हित के सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है मगर इसके लिये विपक्ष का सहयोगी अपेक्षित है।
योगी ने विधानभवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि विधानमंडल सार्थक बहस का मंच बने, इसमें सबके सहयोग की अपेक्षा है। उत्तर प्रदेश ने विगत साढ़े सात वर्ष में विकास व सुरक्षा के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। यूपी में विकास, सुरक्षा, समृद्धि, आस्था व आधुनिकता का जो संगम देखने को मिल रहा है, उसका रास्ता भी इसी विधानमंडल से प्रारंभ होता है।
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उन्होने कहा कि सरकार सदन में नौजवानों, महिलाओं, किसानों, युवाओं, प्रदेश की समृद्धि व सुरक्षा के हित के सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। विधानमंडल सार्थक बहस का मंच बने, इसमें सबके सहयोग की अपेक्षा है। विपक्षी दलों के साथियों से भी आग्रह है कि वे तैयारी के साथ आएं। सदन सार्थक मुद्दों पर चर्चा के लिए जाना जाए, इस विश्वास के साथ पूरे शीतकालीन सत्र को सुगमतापूर्वक संचालन की अपील करता हूं।
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योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विधानमंडल दुनिया के किसी भी राज्य का सबसे बड़ा विधानमंडल है। यह अत्यंत गौरव का क्षण है कि देश जिस अमृतकाल में प्रवेश कर प्रधानमंत्री मोदी जी की संकल्पनाओं के अनुसार विकसित भारत के निर्माण के पवित्र अभियान के साथ जी जान से जुड़ा है, उसमें उप्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश को केंद्र में रखकर अनेक स्वाधीनता संग्राम सेनानी देश की आजादी के अभियान के साथ जुड़े थे। उत्तर प्रदेश को अनेक क्रांतिकारियों की कर्मभूमि व जन्मभूमि होने का भी सौभाग्य प्राप्त है।
उन्होने कहा कि इस सत्र में विधायी कार्य के साथ अनुपूरक बजट भी आएगा। इसके अलावा जनता व प्रदेश के विकास से जुड़े माननीय सदस्यों के महत्वपूर्ण सुझाव व मुद्दे भी सदन में रखे जाएंगे। मेरी सभी पक्षों से अपील है कि सदन की कार्यवाही सुगमता के साथ संचालित हो और जनता व विकास से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो। वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी को प्राप्त करने के लिए जिस बड़े अभियान को प्रदेश सरकार ने अपने हाथों में लिया है, उसे प्राप्त करने के महायज्ञ में सभी पक्ष भागीदार बनें। इस दृष्टि से सरकार सभी का सहयोग व समर्थन चाहती है।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख आदि मौजूद रहे।