शामली। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि बच्चों से काम कराना और भिक्षावृत्ति एक अभिशाप है। प्रदेश में भिक्षावृत्ति खत्म कर बच्चों को भिक्षा से शिक्षा की ओर ले जाया जाएगा। उन्होने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी लाभ उठाने की अपील की है।
डा. देवेन्द्र शर्मा अपने दो दिवसीय जनपद भ्रमण के अंतिम दिन बुधवार को विकास भवन में मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बच्चों और महिलाओं को लेकर संवेदनशील हैं। इसी लिए कोरोनाकाल में जो बच्चे अनाथ हो गए थे उनके पालन पोषण के लिए सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जिले के 158 बच्चों को 4 हजार रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। इसके अलावा जिन बच्चों के माता या पिता में से एक की मृत्यु हो गई है, उन्हें मुख्यमंत्री बाल सामान्य योजना के तहत जिले के 303 बच्चों को पढ़ाई के लिए 2500 रुपये सहायता राशि दी जा रही है।
उन्होने बताया कि कन्या सुमंगला योजना के तहत 9 हजार बेटियों को जिले में लाभ दिया जा रहा है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर मुख्यमंत्री ने उक्त राशि को 15 हजार से बढाकर 25 हजार कर दिया है। बताया कि बालश्रम रोकने के लिए एएलसी को ईंट भट्टों और अन्य स्थानों पर टीम बनाकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों से काम कराने, भिक्षा मंगवाने, नशेले पदार्थों के सेवन और बिक्री रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। ऐसे बच्चों को भिक्षा से शिक्षा की ओर ले जाकर उनका उत्थान किया जाएगा। पांच सामाजिक बुराईयों को रोकने के लिए प्रदेश में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके लिए वे अबतक 73 जनपदों का भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि नशे के विरुद्ध 15 दिनों के व्यापक अभियान में कई करोड़ रुपये की नशीली वस्तुएं बरामद हुई और सैंकड़ों लोगां को गिरफ्तार किया गया।
डा. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बाल श्रम बिल्कुल नहीं चलेगा। हमारा प्रयास बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना है। बाल श्रम एक संवेदनशील विषय है, इसके लिए भिक्षावृत्ति को कठोरता से रोकने की जरूरत है। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर हामिद हुसैन, डीएसटीओ डा. हरेन्द्र, दिव्यांगजन अधिकारी अंशुल चौहान भी उपस्थित रहे।