नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान और बुद्धि के साथ-साथ भाग्य वृद्धि, विवाह और संतान सुख देने वाली मानी गई है। भगवान बृहस्पति सभी देवताओं के गुरु हैं, कैसी भी समस्या हो ये सभी का समाधान करते हैं। अगर आपकी कुंडली में गुरु का दोष है, जिसके कारण आपको शादी और भाग्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और यदि आपके अनुकूल स्थितियां होते हुए भी आपके विवाह में समस्या उत्पन्न हो रही है तो गुरुवार का दिन आपके लिए शुभ हो सकता है।
देवगुरु बृहस्पति (गुरु) धनु और मीन राशियों के स्वामी ग्रह है। सामान्यत: गुरु शुभ फल देता है किंतु पापी ग्रह यदि उसके साथ विराजमान हो जाए अथवा गुरु अपनी नीच राशि में स्थित हो तो यही गुरु जातक के लिए अनिष्ठकारी हो जाता है अर्थात, अशुभ फल देने लगता है, जिससे जातक आर्थिक, मानसिक, शारीरिक एवं पारिवारिक रूप से परेशान हो जाता है।
आप कोई भी काम करते हैं तो होने से पहले उसमें कोई न कोई रुकावट आ जाती है, जिसके कारण आपको उसी काम को करने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। यह आपकी कुंडली में गुरु ग्रह खराब होने के कारण हो सकता है।
गुरु दोष की शांति के लिए गुरुवार को कुछ उपाय करें, जिससे आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी, क्योंकि गुरुवार का दिन देवताओं केे गुरु बृहस्पति देव का होता है।
गुरु दोष की शांति के लिए गुरुवार को कुछ उपाय करें, जिससे आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी, क्योंकि गुरुवार का दिन देवताओं केे गुरु बृहस्पति देव का होता है।
गुरु आपके वैवाहिक और भाग्य का कारक ग्रह है। साथ ही यह दिन साईं बाबा का भी होता है अगर आप उन्हें मानते हैं तो उनकी भी पूजा कर सकते हैं। जानिए, ऐसे उपाय के बारे में जिसे गुरुवार के दिन करने से गुुरु ग्रह के दोष दूर हो जाएंगे साथ ही आपको धन-धान्य की प्राप्ति होगी।
देवगुरु बृहस्पति के तंत्रोक्त मंत्र न सिर्फ धन और वैभव की दृष्टि से चमत्कारी हैं बल्कि तुरंत असर करने वाले हैं। जरूरत है इन्हें एक साथ निरंतर जपने की। इन चमत्कारी पांचों मंत्रों की जप संख्या 19 हजार है। आप किसी भी एक गुरु मंत्र का गुरुवार के दिन जप कर सकते हैं।
ऊं बृं बृहस्पतये नम:।।
ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स-गुरवे नम:।
ऊं ऐं श्री बृहस्पततये नम:।
ऊं गुं गुरवे नम:।
ऊं क्लीं बृहस्पति नम: ।
ऊं बृं बृहस्पतये नम:।।
ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स-गुरवे नम:।
ऊं ऐं श्री बृहस्पततये नम:।
ऊं गुं गुरवे नम:।
ऊं क्लीं बृहस्पति नम: ।
ज्योतिष के मुताबिक गुरु के बलवान होने पर इंसान शास्त्र, विद्या, ज्ञान द्वारा प्रतिष्ठा, धन और सुख पाता है। इसी तरह कुंडली में गुुरु के विपरीत योग और प्रभाव से मानसिक कष्ट के साथ भाग्य बाधा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही विवाह और संतान बाधा आती है। अगर किसी व्यक्ति पर बृहस्पति की महादशा चल रही है तो उसे केला, पीला वस्त्र, हल्दी, पीला फूल या चीनी आदि का दान करने की सलाह दी जाती है। लेकिन ध्यान रहे कि दान सुबह के समय ही करना चाहिए। अगर बृहस्पति से जुड़ा कोई रत्न दान किया जाता है तो भी शुभ माना जाता है।
जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है, उन लोगों को कौओं को केला और पीले रंग की मिठाइयां खिलाने की सलाह दी जाती है।
यदि आप भी ऐसी ही परेशानियों से जूझ रहे हैं और सफलता और सुखों की कामना रखते हैं तो गुरु दोष शांति के लिए यहां बताए जा रहे विशेष गुरु मंत्र का जप करें-
यदि आप भी ऐसी ही परेशानियों से जूझ रहे हैं और सफलता और सुखों की कामना रखते हैं तो गुरु दोष शांति के लिए यहां बताए जा रहे विशेष गुरु मंत्र का जप करें-
यह है देव गुरु बृहस्पति का गायत्री मंत्र…
ऊं गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्माय धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात।।
यह मंत्र ब्रह्म मुहूर्त में गुरुवार से प्रारंभ करें। इस मंत्र जप के लिए विशेष रूप से गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर गुरु बृहस्पति की उपासना में पीली पूजा सामग्री अर्पित करें। पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले रंग का नैवेद्य गुरु बृहस्पति को बहुत प्रिय माने गये हैं।
ऊं गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्माय धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात।।
यह मंत्र ब्रह्म मुहूर्त में गुरुवार से प्रारंभ करें। इस मंत्र जप के लिए विशेष रूप से गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर गुरु बृहस्पति की उपासना में पीली पूजा सामग्री अर्पित करें। पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले रंग का नैवेद्य गुरु बृहस्पति को बहुत प्रिय माने गये हैं।
इसके बाद नीचे लिखे गुरु गायत्री मंत्र का यथाशक्ति पीले आसन पर बैठकर कम से कम 108 बार जप या ध्यान करें।
ऊं अंगिरोजाताय विद्महे, वाचस्पते धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात।।
गुरुवार को भगवान बृहस्पति देव की पूजा का विधान माना गया है। इस दिन पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। परिवार में सुख और शांति का समावेश होता है। जिन जातकों के विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो रही हों, उन्हें गुरुवार का व्रत करना चाहिए।
ऊं अंगिरोजाताय विद्महे, वाचस्पते धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात।।
गुरुवार को भगवान बृहस्पति देव की पूजा का विधान माना गया है। इस दिन पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। परिवार में सुख और शांति का समावेश होता है। जिन जातकों के विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो रही हों, उन्हें गुरुवार का व्रत करना चाहिए।
इस दिन बृहस्पतेश्वर महादेव जी की पूजा होती है। दिन में एक समय ही भोजन करें। पीले वस्त्र धारण करें, पीले पुष्पों को धारण करें। भोजन भी चने की दाल का होना चाहिए। नमक नहीं खाना चाहिए। पीले रंग का फूल, चने की दाल, पीले कपड़े और पीले चंदन से पूजा करनी चाहिए। पूजन के बाद कथा सुननी चाहिए। इस व्रत से बृहस्पति जी खुश होते हैं तथा धन और विद्या का लाभ होता है। यह व्रत महिलाएं अवश्य करें। व्रत में केले का पूजन होता है।
नहाते वक्त अपने नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। इसके बाद ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जप करते हुए केसर का तिलक लगाएं और केले के वृक्ष में जल अर्पित करते हुए उसकी धूप-दीप से पूजा करें।
गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें। स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद विष्णु सहस्ननाम का पाठ भी करें।
बृहस्पति देव गुरु की प्रसन्नता के उपाय-
1. ब्राह्मणों का सम्मान करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
2. चने की दाल तथा केसर का मंदिर में दान करें। केसर का तिलक मस्तक पर लगाएं।
3. ज्ञानवर्धक पुस्तकों का योग्य व्यक्तियों को दान करें।
4. भगवान ब्रह्मा का केले से पूजन करें।
5. कुल पुरोहित का सम्मान करके आशीर्वाद प्राप्त करें एवं तथा शक्ति स्वर्ण का दान करें।
करें ये उपाय
गुरु दोष की शांति के लिए गुरुवार को कुछ उपाय करें, जिससे आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी।
गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें। स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद विष्णु सहस्ननाम का पाठ करें। अगर आपकी कुंडली में गुरु का दोष हो तो हर गुरुवार को शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
इससे आपको काफी फायदा मिलेगा।
अगर आपने व्रत रखा है तो इस दिन केले के वृक्ष की पूजा करके सत्यनारायण की कथा सुनें।
गुरु से जुड़ीं वस्तुओं का दान करें जैसे कि चने की दाल, सोना, हल्दी, आम आदि।
गुरु बृहस्पति की मूर्ति या तस्वीर को पीले रंग के कपड़े पर विराजित करें। साथ ही विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में केसरिया चंदन, पीले फूल और प्रसाद में गुड़ और चने की दाल चढ़ाएं या इस रंग का कोई पकवान चढ़ाएं।
गुरुवार के दिन लेन-देन थोड़ा संभलकर करें और अगर कोई इस दिन धन मांगने आता है तो धन देने से आपका गुरु कमजोर हो जाता है, जिससे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बृहस्पतिवार के दिन को लेकर माना जाता है कि इस दिन शरीर पर साबुन लगाना, बाल धोना और कटवाना तीनों ही शुभ नहीं होते। इसके पीछे ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों कारण बताए जाते हैं।
मान्यता है कि बृहस्पतिवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। बृहस्पति देव संतान और ज्ञान के प्रधान देव हैं। गुरुवार को बाल कटवाने से आर्थिक हानि, संतान कष्ट व ज्ञान क्षीणता होने के आसार होते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से माना जाता है कि बृहस्पतिवार का दिन लक्ष्मीनारायण का है, इसलिए कहते हैं कि इस दिन बाल कटवाने अथवा धोने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार अविवाहितों के लिए गुरुवार को बाल धोना और कटवाना विवाह में बाधाएं उत्पन्न करता है। अमर सुहाग चाहने वालों सुहागन महिलाओं के लिए इस दिन बाल धोना अच्छा नहीं माना जाता है।
बृहस्पतिवार को बाल कटवाना ही नहीं, शेविंग करवाना भी अच्छा नहीं होता। कहते हैं कि इससे उम्र छोटी होती है।
पंडित दयानंद शास्त्री-विनायक फीचर्स
गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें। स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद विष्णु सहस्ननाम का पाठ भी करें।
बृहस्पति देव गुरु की प्रसन्नता के उपाय-
1. ब्राह्मणों का सम्मान करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
2. चने की दाल तथा केसर का मंदिर में दान करें। केसर का तिलक मस्तक पर लगाएं।
3. ज्ञानवर्धक पुस्तकों का योग्य व्यक्तियों को दान करें।
4. भगवान ब्रह्मा का केले से पूजन करें।
5. कुल पुरोहित का सम्मान करके आशीर्वाद प्राप्त करें एवं तथा शक्ति स्वर्ण का दान करें।
करें ये उपाय
गुरु दोष की शांति के लिए गुरुवार को कुछ उपाय करें, जिससे आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी।
गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें। स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद विष्णु सहस्ननाम का पाठ करें। अगर आपकी कुंडली में गुरु का दोष हो तो हर गुरुवार को शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
इससे आपको काफी फायदा मिलेगा।
अगर आपने व्रत रखा है तो इस दिन केले के वृक्ष की पूजा करके सत्यनारायण की कथा सुनें।
गुरु से जुड़ीं वस्तुओं का दान करें जैसे कि चने की दाल, सोना, हल्दी, आम आदि।
गुरु बृहस्पति की मूर्ति या तस्वीर को पीले रंग के कपड़े पर विराजित करें। साथ ही विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में केसरिया चंदन, पीले फूल और प्रसाद में गुड़ और चने की दाल चढ़ाएं या इस रंग का कोई पकवान चढ़ाएं।
गुरुवार के दिन लेन-देन थोड़ा संभलकर करें और अगर कोई इस दिन धन मांगने आता है तो धन देने से आपका गुरु कमजोर हो जाता है, जिससे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बृहस्पतिवार के दिन को लेकर माना जाता है कि इस दिन शरीर पर साबुन लगाना, बाल धोना और कटवाना तीनों ही शुभ नहीं होते। इसके पीछे ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों कारण बताए जाते हैं।
मान्यता है कि बृहस्पतिवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। बृहस्पति देव संतान और ज्ञान के प्रधान देव हैं। गुरुवार को बाल कटवाने से आर्थिक हानि, संतान कष्ट व ज्ञान क्षीणता होने के आसार होते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से माना जाता है कि बृहस्पतिवार का दिन लक्ष्मीनारायण का है, इसलिए कहते हैं कि इस दिन बाल कटवाने अथवा धोने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार अविवाहितों के लिए गुरुवार को बाल धोना और कटवाना विवाह में बाधाएं उत्पन्न करता है। अमर सुहाग चाहने वालों सुहागन महिलाओं के लिए इस दिन बाल धोना अच्छा नहीं माना जाता है।
बृहस्पतिवार को बाल कटवाना ही नहीं, शेविंग करवाना भी अच्छा नहीं होता। कहते हैं कि इससे उम्र छोटी होती है।
पंडित दयानंद शास्त्री-विनायक फीचर्स