Monday, November 25, 2024

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन तथा केन्द्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयकों पर संसद की मुहर

नयी दिल्ली। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए किये गये प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर और पुड्डुचेरी विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने से संबंधित दो विधेयकों को सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच अल्प चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

ये दोनों विधेयक लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है। इस तरह से इन पर अब संसद की मुहर लग गयी है। दोबार के स्थगन तथा भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने संसद की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुये नारेबाजी शुरू कर दी।

भारी शोरगुल के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक 2023 और केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 को पेश करने के लिए नाम पुकारा। राय ने हंगामे के बीच इन दोनों विधेयकों को सदन के पटल पर रखा।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन किया गया है। अब इसमें संशोधन कर जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सभी निर्वाचित सीटों में से एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। यह आरक्षण विधानसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा।

केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम 1963 में संशोधन करने के उद्देश्य से केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 लाया गया है। इसमें कुछ विशेष केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विधानसभाओं की स्थापना और मंत्रिपरिषद के गठन का प्रावधान करता है। यह संशोधन पुड्डुचेरी विधानसभा की सभी निर्वाचित सीटों में से एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। यह विधानसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा।

सभापति ने भारी शोरगुल के बीच इन दोनों विधेयकों पर एक साथ चर्चा शुरू करायी। इस दौरान 10 मिनट तक चली अल्प चर्चा में 13 सदस्यों ने भाग लिया। अन्नाद्रमुक के एम थंबी दुरई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी की जानी चाहिए। तेलुगु देशम पार्टी के कनकमेदला रविन्द्र कुमार ने भी जम्मू-कश्मीर में तत्काल चुनाव कराये जाने चाहिए।

इसके बाद राय ने इन दोनों विधेयकों काे पारित किये जाने का प्रस्ताव किया। सदन ने ध्वनिमत से एक एक कर इन दोनों विधेयकों को पारित कर दिया। लोकसभा इन दोनों विधेयकों को पहले की पारित कर चुकी है। इस तरह इन पर संसद की मुहर लग गयी है।

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