रोहतक। खिलाडी बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के विवाद को लेकर ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने इसे राजनीति करार दिया और कहा कि जिस तरह से यह खिलाड़ी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा और प्रियंका गांधी के संपर्क में हैं उससे साफ जाहिर है कि यह विवाद, अब राजनीतिक रूप ले चुका है। वे गुरुवार को ओलंपियन योगेश्वर दत्त पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने पहलवान द्वारा पुरस्कार लौटने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पुरस्कार से खिलाड़ी का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का सम्मान होता है। पुरस्कार के लिए जितना खिलाड़ी का योगदान होता है उतना ही परिवार और सरकार का होता है। उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी तैयार होने में स्वयं की मेहनत के साथ-साथ परिवार व सरकार का भी सहयोग होता है, क्योंकि एक खिलाड़ी के ऊपर करोड़ों खर्च होते हैं, साथ में ट्रेनिंग होती और जेब खर्च मिलता है। तब जाकर कहीं एक प्लेयर तैयार होता है।
उन्होंने इस सारे प्रकरण को दुखदाई बताया और कहा कि खिलाड़ियों द्वारा दोबारा से उठाएं गए विवाद के चलते खेल मंत्रालय को फेडरेशन की एक्टिविटी को सस्पेंड करना पड़ा, जबकि फेडरेशन बनने से खिलाड़ियों में उम्मीद जगी थी। अब फेडरेशन के सस्पेंशन के बाद सबसे ज्यादा नुकसान जूनियर खिलाड़ियों को हुआ है। उसमें भी हरियाणा के खिलाड़ियों का ज्यादा नुकसान है। क्योंकि कुश्ती के खेल में हरियाणा के बच्चे ज्यादा निकलते हैं।
यह नुकसान लगभग साल भर से होता आ रहा है। खिलाड़ियों के विवाद के कारण अंडर 15 अंडर 17 और जूनियर फ्लेयरों का ना तो कोई कैंप लगा है और ना ही कोई राष्ट्रीय प्रतियोगिता हो पाई है। खिलाड़ियों के विवाद के कारण कुश्ती आज सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, जिसका परिणाम हमारे सबके सामने है। उन्होंने कहा कि चाहे कॉमनवेल्थ गेम हो और चाहे एशियन गेम हमारी परफॉर्मेंस कुश्ती के क्षेत्र में गिर गई है और यह कुश्ती का बड़ा नुकसान है। बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट द्वारा दोबारा विवाद उठाने पर खिलाड़ियों में निराशा है और पहलवानों को काफी दुख हुआ है।