मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी व महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सुनीता मलिक के बीच चल रही उठापटक में आज उस समय नया मोड़ आ गया, जब सुनीता मलिक ने जिलाध्यक्ष के नोटिस का जवाब दे दिया।
तीन दिन पूर्व जिलाध्यक्ष ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए सुनीता मलिक को नोटिस थमा दिया था और तीन दिन के अंदर लिखित जवाब मांगा था। सुनीता मलिक ने सभी आरोपों का जवाब दिया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी को लिखे पत्र में महिला मोर्चा जिला उपाध्यक्ष सुनीता मलिक ने बताया कि तीन दिन पूर्व जिलाध्यक्ष ने अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ नोटिस दिया था, जिसके जवाब में सुनीता मलिक ने कहा कि विगत एक जनवरी को उनके गांव पीनना में पार्टी कार्यकर्ताओं दो सगे भाईयों में कहासुनी हो गई थी। इस कहासुनी के विवाद का मामला शहर कोतवाली में चला गया था।
इस मामले में शहर कोतवाली प्रभारी से मिलकर इन सगे भाईयों के विवाद को आपसी सहमति से निपटाने की बात कही थी, क्योंकि यह परिवार के दो सगे भाईयों का मामला था। मेरी इस बात को सुनकर शहर कोतवाली प्रभारी ने मेरे साथ अभद्रता की तथा मेरे साथ आई पीडि़त महिला के साथ भी महिला कांस्टेबल ने दुर्व्यवहार किया था। इतना ही नहीं पुलिस ने एक तरफा कार्यवाही करते हुए एक भाई का धारा 151 में चालान कर दिया था।
सुनीता ने लिखा कि मैं शहर कोतवाली प्रभारी की कार्यवाही से आहत थी, इसीलिए जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी को भी फोन कर अपनी पीड़ा से अवगत कराया था। सुनीता मलिक ने अपने जवाब में बताया कि जिलाध्यक्ष ने फोन पर सही प्रकार से बात नहीं की और हडकाते हुए पुलिस कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया था।
सुनीता मलिक ने कहा कि मैंने न तो पार्टी की छवि धूमिल की है और न ही अनुशासनहीनता जैसा कोई कार्य अब किया है और न ही भविष्य में करूंगी। सुनीता मलिक ने भविष्य में भी पार्टी हित में काम करने का संकल्प दोहराया है।अब देखना है कि सुनीता मलिक के इस जवाब से जिलाध्यक्ष कितना संतुष्ट हो पाते हैं और जवाब मिलने के बाद क्या कार्यवाही करते हैं।