सहारनपुर। मण्डलायुक्त डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद कहा कि आंगनबाडी केन्द्रों के कायाकल्प से मण्डल के आंगनवाड़ी केंद्रों की तस्वीर जल्द बदलेगी। यूनिसेफ के सहयोग से स्वच्छ पेयजल, बाल सुलभ शौचालय, हाथ धोने की व्यवस्था जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया होंगी। इसके लिए मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सभी आंगनवाडी केंद्रों के कायाकल्प के लिए जो इंडिकेटर्स तय किये गए हैं, उनके अनुरूप ही केंद्रों का कायाकल्प किया जाएगा जिसमें विभाग के सभी अफसरों को मिलकर कार्य करना होगा जिससे 31 मार्च तक लक्षित आंगनवाडी केन्द्रों का शत-प्रतिशत कायाकल्प हो सके।
मण्डलायुक्त डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद सर्किट हाउस सभागार में बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे विविध कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन एवं आंगनवाडी केन्द्रों में मूलभूत अवस्थापना, आंगनवाडी केन्द्रों के भवनों को कायाकल्पित करने के संबंध में एक दिवसीय मण्डलीय गोष्ठी में आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मण्डल के बच्चों को शिक्षा और पोषण की उचित शुरुआत देने में संबंधित सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए सहयोग करें। मण्डल में संचालित आंगनवाडी केन्द्रों में छह वर्ष से कम उम्र तक के बच्चों और गर्भवती, स्तनपान वाली माताओं को पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।
मण्डलायुक्त ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली सुविधाएं और सेवाएं बच्चों के अनुकूल बनाई जाएंगी। प्रथम चरण में मण्डल के प्रत्येक जनपद में 75-75 आंगनवाडी केन्द्रों के कायाकल्प अभियान के तहत 18 बिंदुओं पर काम होगा। इनमें समूह में बच्चों के अनुकूल हाथ धोने की इकाइयां, विकलांग बच्चों के लिए रेलिंग, रैंप, स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल प्रावधान, लड़के, लड़कियों के लिए अलग शौचालय, बिजली व्यवस्था, आवश्यक मरम्मत और नवीनीकरण कार्य आदि शामिल हैं। इसके तहत हर ब्लॉक में एक मॉडल आंगनवाड़ी कायाकल्प लर्निंग लैब विकसित होगी। आंगनवाड़ी केंद्रों की निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड भी विकसित होगा। उन्होने कहा कि स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण हर बच्चे का अधिकार है।
डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद ने आंगनवाडी कार्यकत्रियों द्वारा लगाये गये स्टाल का निरीक्षण किया गया। उन्होने आंगनवाडी कार्यकत्रियों द्वारा मोटे अनाज के बनाए गये व्यंजनों की प्रंशसा करते हुए कहा कि इनकी रेसिपी की वीडियोज बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जाए जिससे अधिक से अधिक जनसामान्य मोटे अनाज के विभिन्न व्यंजनों का लाभ उठाते हुए अपने स्वास्थ्य में वृद्धि कर सके। उन्होने गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कराने के साथ ही बच्चों का अन्नप्राशन भी कराया। गोष्ठी में चरणबद्ध तरीके से आंगनवाड़ी केंद्रों के कायाकल्प के लिए अधिकारियों को प्रेरित करते हुए अंतर विभागीय समन्वय पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में यूनीसेफ के सदस्यों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने कहा कि आंगनबाडी केन्द्रों का पूरी तरह से कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिए सभी सम्बन्धित अधिकारी अपनी जिम्मेदरियों का बखूबी निर्वहन करें। आंगनबाडी केन्द्रों को स्मार्ट रूप देते हुए उनका विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सभी आंगनवाडी केंद्रों के कायाकल्प के लिए जो 18 इंडिकेटर्स तय किये गए हैं उनके अनुरूप ही केंद्रों का कायाकल्प किया जाए।
जिलाधिकारी द्वारा प्रथम एजुकेशन फाउन्डेश द्वारा दी जा रही ईसीसी ट्रेनिंग की जानकारी लेने के साथ गतिविधि करवाकर देखी भी गई। मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन द्वारा रॉकेट लर्निंग लैब की प्रगति आख्या ली गई। इसके साथ गोष्टी के दौरान मुख्य विकास अधिकारी एवं उपनिदेशक बाल विकास श्रीमती सत्यवती सरोज द्वारा अन्नप्राशन कराने के साथ बच्चों को खिलौने एवं किट वितरण की गई।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी नन्द लाल प्रसाद सहित मुजफ्फरनगर एवं शामली के कार्यक्रम अधिकारी तथा उपरोक्त गोष्ठी में मंडल के तीनों जनपदों के बाल विकास, पंचायती राज, बेसिक शिक्षा, ग्राम विकास, स्वास्थ्य विभाग सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया।