Friday, November 22, 2024

अनमोल वचन

जाने-अनजाने अपने किन्हीं अनैतिक कर्मों के फल स्वरूप आप में हीनता का भाव अथवा निराशा छा गई है और आप ऐसा सोचने लगे हैं कि ईश्वर मुझसे रूठा हुआ है, मेरा कल्याण होना सम्भव नहीं है तो ऐसे कठिन समय में आप संकल्प शक्ति, ईश्वर भक्ति, परिश्रम, संयम और साधना से अपने नये रूप को प्राप्त कर सकते हैं।

स्वयं को अपने दृष्टि गिरने से बचाने के लिए यही सबसे स्वस्थ, सुन्दर और निरापद मार्ग है। हीन भावना से ग्रस्त होकर निराशा और दुर्बलता का भाव मन में न आने दें, क्योंकि एक दुर्बलता दूसरी दुर्बलता को जन्म दे देती है। एक दुर्बलता से दूर रहकर अथवा एक दुर्बलता को दूर कर सम्भावित सभी दुर्बलताओं से बचा जा सकता है।

ईश्वरीय ज्ञान चर्चा नई ऊर्जा पैदा करेगी। यह आपके देवत्व को जगाने में भी सहायक होगी, जैसे ही कोई दुर्बलता आप पर हावी होने लगे आप प्रभु की शरण लें, उन्हीं की भक्ति में स्वयं को समर्पित कर दें। उस परम शक्ति का सानिध्य तुम्हारे भीतर नई ऊर्जा का संचार कर देगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय