नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता मामले पर विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देने वाली शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 7 मार्च को सुनवाई करेगा। आज उद्धव गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने 7 मार्च को सुनवाई का भरोसा दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को एकनाथ शिंदे गुट और महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को नोटिस जारी किया था। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर के फैसले में शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देने के फैसले को चुनौती दी है। याचिका में शिंदे गुट के 38 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करने को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने 10 जनवरी को अपने फैसले में कहा था कि जून, 2022 में शिंदे गुट को 55 में से 37 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हिप नहीं माना जा सकता है। ऐसे में सुनील प्रभु को शिवसेना विधायक दल की बैठक बुलाने का हक नहीं था। बुलाई गई बैठक में भी व्हाट्सऐप के जरिये 12 घंटे से भी कम का समय दिया गया था। स्पीकर ने कहा था कि भरत गोगावले को चीफ व्हिप और एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता के रूप में नियुक्ति सही थी।
उद्धव ठाकरे गुट ने 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर 7 जनवरी को हुई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की मुलाकात पर आपत्ति जताई थी। हलफनामा में कहा गया था कि मुख्यमंत्री समर्थक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने से पहले स्पीकर का उनसे मिलना गलत है।