Thursday, January 23, 2025

नोएडा के बरौला गांव में अवैध निर्माण तोड़ने पहुंचा प्राधिकरण का दस्ता, किसानों के विरोध पर बैरंग लौटा

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के प्रवर्तन दल की टीम आज सुबह बरौला गांव के पास हनुमान मंदिर के समीप हो रहे अवैध निर्माण को ध्वस्त करने पहुंची। ग्रामीणों की गुहार पर मौके पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन मंच के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप पर प्राधिकरण की टीम वापस लौट गई।
 

नोएडा प्राधिकरण के प्रोजेक्ट इंजीनियर राजकमल सिंह ने बताया कि बरौला गांव के पास स्थित जमीन नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आती है। यहां पर कुछ लोग बिना प्राधिकरण के अनुमति के और बिना प्राधिकरण से नक्शा पास कराए अवैध रूप से निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उक्त निर्माण को तोड़ने के लिए आज प्राधिकरण की टीम सुबह के समय पहुंची थी। उन्होंने बताया कि मौके पर भारी संख्या में किसान इकट्ठे हो गए, तथा किसानों ने विरोध किया, जिसके बाद प्राधिकरण की टीम ने कार्रवाई को स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जानकारी उच्च अधिकारियों की दी जाएगी। उसके बाद इसमें अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
 

वहीं भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान ने बताया कि  नोएडा प्राधिकरण के परियोजना प्रबंधक राजकमल के नेतृत्व में 6-7 जेसीबी मशीन, डंपर और भारी पुलिस बल के साथ वर्क सर्किल-3 का दस्ता बरौला पहुंचा। जिसका मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान एवं पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पुरजोर विरोध करते हुए किसानों की आबादी को टूटने से बचाया और नोएडा प्राधिकरण के दस्ते को बैरंग वापस लौटना पड़ा। इस दौरान सुधीर चैहान ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण चुनाव की आदर्श आचार संहिता में भी अतिक्रमण के नाम पर किसानों के घरों को तोड़कर उजाड़ना चाहता है लेकिन भारतीय किसान यूनियन मंच इसका विरोध करता रहेगा। उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण अपनी किसान विरोधी नीतियों से बाज नहीं आया तो चुनाव की आदर्श आचार संहिता में भी किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होेगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

 

 

बता दें कि हनुमान मूर्ति के आसपास आजकल जमकर अवैध निर्माण हो रहा है। लोगों में चर्चा है कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत से यह निर्माण चल रहा है। कुछ लोगों ने इस अवैध निर्माण की शिकायत नोएडा प्राधिकरण के आला अधिकारियों से की थी। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी खाना पूर्ति करने के लिए सुबह मौके पर आए तथा उन्होंने कार्रवाई करने की बजाय चाय नाश्ता की और लौट गए। लोगों में चर्चा है कि प्राधिकरण के अधिकारी यह नहीं चाहते हैं कि अवैध निर्माण ध्वस्त हो।
 

वही मौके पर इकट्ठे किसानों का कहना है कि यह जमीन आबादी क्षेत्र के लिए छोड़ी गई है। आबादी के लिए छोड़ी गई जमीन पर अगर किसान निर्माण नहीं करेंगे तो क्या करेंगे। जिस जगह पर किसान आबादी की जगह होने का दावा कर रहे हैं, वहां पर आजकल बड़े-बड़े शोरूम बनने लगे हैं। कई बड़ी कंपनियों ने वहां पर अपने शोरूम बना दिया है, जिनका उपयोग कमर्शियल के रूप में हो रहा है। आबादी वाली जगह पर कमर्शियल गतिविधि भी प्राधिकरण के अधिकारियों के हिसाब से गैरकानूनी है।

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