नयी दिल्ली। भारत के वर्ष 2027 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यस्था बनने की उम्मीद के बीच अगले 10 वर्षाें में देश के सकल घरेलू उत्पाद के बढ़कर 10 लाख करोड़ डॉलर के होने के अनुमान के मद्देनजर इस अवधि में 3.5 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत होगी।
सोसायटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स द्वारा सेवा निर्यात संवर्धन परिषद के सहयोग से आयोजित एक सम्मेलन में सर्राफ एंड पार्टनर्स के संस्थापक एवं प्रबंध पार्टनर मोहित सर्राफ ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अभी भारत का सकल घरेलू उत्पाद 3.7 लाख करोड़ डॉलर का है जिसके अगले 10 वर्षाें में बढ़कर 10 लाख करोड़ डॉलर के होने का अनुमान है। इसको हासिल करने के लिए 3.5 लाख करोड़ डॉलर का निवेश करने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम जारी है लेकिन उसकी गति को बनाये रखने की जरूरत है ताकि इसको हासिल किया जा सके।
सोसायटी ऑफ इंडियल लॉ फर्म्स के अध्यक्ष डॉ़ ललित भसीन ने कहा कि देश में बड़े पैमाने पर मामले लंबित है लेकिन इस मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से निटपाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में कहीं न कहीं सरकार आती है और सरकार नीतियों में खामिंयों की वजह से मामलों का निपटान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पुराने और अनुपयोगी कानूनों को समाप्त किया जाना चाहिए लेकिन उनके स्थान पर तर्कसंगत कानून भी बनाये जाने की आवश्यकता है।