वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाई गई कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़ी गोपनीय जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी। अमेरिकी संसद में इस आशय का विधेयक पारित किया गया है।
संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा) में विधेयक पेश कर मांग की गई कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बीच संबंधों से जुड़ी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक की जाए। इस विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ डेमोक्रेट और विपक्षी रिपब्लिकन सांसद एक साथ दिखे और यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।
अमेरिकी सांसदों की मांग है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस महामारी को लेकर जो भी जानकारी जुटाई है, उसे राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से सार्वजनिक कर दिया जाए। अब यह विधेयक अमेरिकी राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। वह तय करेंगे कि खुफिया एजेंसियों द्वारा इस मामले पर जुटाई गई जानकारी को जारी किया जाना है या नहीं।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से यह विधेयक पारित होने के बाद अब अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से यह प्रस्ताव पारित हो चुका है। इससे पहले इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में भी एकमत से यह प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। उस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया सेवा के निदेशक एवरिल हेन्स कोविड की उत्पत्ति और चीन के कनेक्शन से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करें। कुछ दिन पहले अमेरिकी ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट में भी अंदेशा जताया गया था कि कोरोना वायरस चीन के वुहान की एक लैब से निकला है। इसके बाद अमेरिका की घरेलू एजेंसी एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर व्रे ने भी कोरोना वायरस के वुहान में लैब में हुई घटना से निकलने की बात कही थी।