सहारनपुर (सरसावा)। कारगिल विजय के रजत जयंती के मौके पर सरसावा वायु स्टेशन पर एयर शो हुआ। इस दौरान अभूतपूर्व मारक क्षमता वाले जेट विमानों ने अपने करतब दिखाए। कारगिल विजय के रजत जयंती के मौके पर सरसावा वायु स्टेशन पर एयर शो हुआ। इस दौरान आसमान में विमानों की तेज आवाज के कारण हुई गड़गड़ाहट से नागरिकों की निगाहें सीधे आसमान पर टिक गईं। आमजन के लिए ये दुर्लभ क्षण था, जब फाइट जेट बेहद तेज गति के साथ आसमान में आड़े, तिरछे, सीधे तथा लंबवत अवस्था में अपने करतब दिखा रहे थे।
एयर शो में शामिल होने वाले युद्धक विमान सुखोई तथा जगुआर बालाकोट एयर स्ट्राइक तथा उससे पूर्व कारगिल में अपनी बेहतरीन क्षमताओं का प्रदर्शन कर ही चुके हैं। एयर शो के दौरान आकाश गंगा टीम के कमांडो 10000 फीट की ऊंचाई से उतरे। मिसाइल तथा मशीनगनों से लैस एमआई 17 हेलीकॉप्टर से वायु सेवा के गरुड़ कमांडो रस्से के सहारे नीचे उतरे। एक एएन 32 और दो डोर्नियर विमान एक फॉर्मेशन में उड़ते हुए आए। गरुड़ कमांडो काफी दूर तक हवा में सैकड़ों फुट की ऊंचाई पर हवा में हेलीकॉप्टर के सहारे लटके हुए ऑपरेशन के लिए गए।
फाइटर जेट अंबाला से उड़कर वायुसेना स्टेशन सरसावा के मैदान के ऊपर से तेजी से निकले। जगुआर विमान त्रिशूल फॉर्मेशन में निकले। बेहद मारक अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदने वाले सुखोई 30 जेट विमान को उड़ा रहे पायलट ने हवा में हैरतअंगेज तरीके से विभिन्न मुद्राएं बनाकर अपनी शानदार संतुलन क्षमता का परिचय दिया। सुखोई 30 ने 1200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उड़ते हुए सैकड़ो फुट की ऊंचाई से नीचे जमीन पर बने टारगेट पर बम बरसाए।