मुजफ्फरनगर-भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को पार्टी की चेयरमैन की असफलता के खिलाफ आवाज उठाना भारी पड़ गया है, पार्टी के जिला अध्यक्ष ने चेयरमैन के खिलाफ बोलने पर जमकर लताड़ पिलाई, इसके बाद पार्टी कार्यकर्ता ने पार्टी ही छोड़ दी है।
आपको याद ही होगा 2 दिन पूर्व रॉयल बुलेटिन ने भारतीय जनता पार्टी के नेता सुमित खेड़ा का एक बयान प्रकाशित किया था, जिसमे सुमित खेड़ा ने नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप को असफल बताते हुए उनसे पद छोड़ने का आग्रह किया था। सुमित खेड़ा ने जिला प्रशासन से भी अनुरोध किया था कि चेयरमैन असफल हो गई है इसलिए इनको हटाकर मुजफ्फरनगर में चेयरमैन का चुनाव दोबारा कराया जाना चाहिए।
सुमित खेड़ा का यह बयान वायरल होने के बाद अब स्थिति यह हो गई है कि सुमित खेड़ा को पार्टी छोड़नी पड़ गई है। सुमित खेड़ा ने बताया कि यह बयान चलने के बाद पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर सैनी ने उन्हें फोन करके धमकाया और कहा कि वह पार्टी की चेयरमैन के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे, अगर बयान देंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी अध्यक्ष के इस अल्टीमेटम के बाद खेड़ा ने खुद ही पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है और पार्टी की प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी ने उन्हें फ़ोन पर कहा है कि अगर चेयरपर्सन के खिलाफ आवाज़ उठानी बंद नहीं की तो उन्हें बीजेपी से निष्कासित कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिलाध्यक्ष को बता दिया था वे जनता की आवाज़ उठाना बंद नहीं करेंगे और इसीलिए वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्य्ता से इस्तीफा दे रहे है।
बताते चले कि बीजेपी नेता सुमित खेड़ा पूर्व में सपा नेता थे और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के दिल्ली निवास पर ही उन्होंने कुछ महीने पहले पार्टी ज्वाइन की थी। उन्हें लोकसभा चुनाव संचालन समिति का सदस्य और झुग्गी झोपडी जनसंपर्क समिति का संयोजक भी बनाया गया था।