Saturday, November 23, 2024

साहब मैं अभी जिंदा हूं, मृतक खुद को जिंदा साबित करने के लिए अफसरों तक लगा रहा दौड़

जौनपुर । प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए लगातार प्रयासरत है। जिले के आला अधिकारी भी शासन की मंशा के अनुरूप विभिन्न तहसीलों कार्यालय में जाकर जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों द्वारा आवश्यक निरीक्षण भी किया जा रहा है। बावजूद इसके जिले में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बादलपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के बदलापुर तहसील से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकारी दस्तावेज में मर चुका एक व्यक्ति अपने जीवित होने का प्रमाण अधिकारियों के सामने दिखा रहा है और कह रहा है, साहब मैं अभी जिंदा हूं। सरकारी दस्तावेज ने मुझे मार दिया।

बदलापुर तहसील क्षेत्र के भगवानपुर गांव निवासी वीरभद्र पुत्र स्व श्रीधर उपाध्याय अभी जिंदा हैं। उनके नाम गांव मे कुछ जमीन थी। तहसील प्रशासन ने उन्हीं के पड़ोसियों से मिलकर वीरभद्र को मृतक दिखाकर खतौनी से उसका नाम काट दिया। 17 जनवरी 2024 को खतौनी में मृतक वीरभद्र के स्थान पर शुभम उपाध्याय पुत्र विभव उपाध्याय के नाम बतौर वसीयतदार दर्ज कर दिया है। जिसके बाद उक्त जमीन को विपक्षीगण ने गांव के ही किसी दूसरे व्यक्ति को बेंच दिया। वीरभद्र का कहना है कि प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार की आपसी मिलीभगत से विपक्षियों से पैसा लेकर उसे सरकारी अभिलेखों में मृतक दिखा दिया और उसकी जमीन को शुभम उपाध्याय पुत्र विभव उपाध्याय के नाम कर दिया। न्याय के लिए पीड़ित उच्च अधिकारियों से गुहार लगा रहा है।

वही इस मामले में भगवानपुर गांव निवासी वीरभद्र उपाध्याय ने पुलिस को तहरीर देते हुए आरोप लगाया कि बदलापुर तहसील प्रशासन तथा ग्राम प्रधान की मिली भगत से फर्जी तरीके से हमें मृत घोषित दिखाकर हमारी जमीन को दूसरे के नाम विरासत कर दिया गया है। पीड़ित द्वारा बताया गया कि उसे एक मामले में थाना मऊआइमा में धारा 302, 301 के तहत हमारे ऊपर कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया था। जब हम 29 जुलाई 2024 को रिहा हुए तो घर आने के बाद पता चला कि हमें मृत घोषित दिखाकर हमारी जमीन को विरासत कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस पीड़ित वीरभद्र की लिखित तारीख के आधार पर तत्कालीन लेखपाल कानूनगो, सेक्रेटरी तथा ग्राम प्रधान भगवानपुर व अन्य लोगों के विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत करते हुए पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुटी हुई है।

सोमवार को इस मामले में तहसीलदार से बात करने पहुंचे पत्रकारों को तहसीलदार ने तहसील से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस मामले में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार का कहना है कि शासन की मंशा अनुसार तहसील या थाना परिसर में कोई बाहरी व्यक्ति न बैठ पाए इसके निर्देश दिए गए हैं। यदि तहसीलदार द्वारा इस तरह की कोई बात कही गई है तो पत्रकार अपना आई कार्ड दिखा दे, साथ ही तहसील कर्मियों को भी अपना आई कार्ड अवश्य लाने के निर्देश दिए गए हैं।

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