वायनाड/ नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के वायनाड में भूस्खलन की तबाही से प्रभावित क्षेत्रों का शनिवार को हवाई सर्वेक्षण किया।
मोदी सुबह नयी दिल्ली से केरल पहुंचे। इलाके के हवाई सर्वेक्षण के समय मोदी के साथ केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी थे। मोदी हवाई सर्वेक्षण के बाद आपदा प्रभावित इलाकों में खुद जाकर स्थिति का जायजा लेंगे।
सूत्रों के अनुसार, मोदी वहां स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्य़ाओं पर बातचीत भी कर सकते हैं।
नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान मोदी ने उस इलाके का भी निरीक्षण किया, जहां से भूस्खलन शुरू हुआ था। उन्होंने पुंचिरिमट्टम, मुंडिकि और चूड़ालमाला इलाके का भी हवाई निरीक्षण किया।
गौरतलब है कि पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील पश्चिमी घाट क्षेत्र में 30 जुलाई को भूस्खलन की घटना में करीब दो सौ लोगों की मौत हो गयी थी और सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गये। भारी वर्षा के कारण भूस्खलन इरुवझिंजी पुझा नदी में बाढ़ के चलते शुरू हुआ था।
प्रधानमंत्री ने 30 जुलाई को वायनाड त्रासदी की सूचना मिलते ही बैठक की समीक्षा की थी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, वायु सेना और नौसेना को राहत और बचाव कार्य में लगाने का निर्देश दे दिया था। सेना के तीनों अंगों और केन्द्रीय बलों के साथ-साथ अग्निशमन तथा सिविल डिफेंस के 12 सौ से अधिक कर्मी मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में लगा दिये थे।
सेना ने वायनाड में प्रभाव क्षेत्र में 190 फुट का वेलीफुट शीघ्रता से स्थापित कर, आवागमन के लिये सुचारू बनाया जिससे राहत कार्य के लिये एंबुलेंस और भारी मशीनरी का आवागमन संभव हो सका था। केन्द्र ने इलाके के दौरे के लिये एक अंतरमंत्रालीय दल भी भेजा है जो आठ अगस्त से दौरा कर प्रभावित इलाकों में नुकसान का जायजा ले रहा है। अधिकारियों के अनुसार, केन्द्रीय दल यह काम आज पूरा कर लेगा।
केन्द्र ने केरल को राज्य आपदा राहत कोष के लिये 31 जुलाई को केन्द्रीय हिस्से के तौर पर 145.60 करोड़ रुपये जारी किये थे।