मेरठ। बहसूमा क्षेत्र के गांव अकबरपुर सादात के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनिता रानी छह साल की मासूम बच्ची नैना को कक्षा में बंद कर घर चली गईं। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर वहां से निकल रहे ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
बीएसए आशा चौधरी ने एबीएसए की रिपोर्ट पर प्रधानाध्यापिका अनिता रानी को निलंबित कर दिया। वहीं, सीओ मवाना ने बताया कि बच्ची के पिता ने कानूनी कार्रवाई से इंकार कर दिया है।
मवाना एबीएसए त्रिवेंद्र कुमार ने बताया कि शनिवार को प्रधानाध्यापिका अनिता रानी विद्यालय की छुट्टी के बाद कमरों का ताला बंद कर चली गई। इस दौरान प्रधानाध्यापिका कक्षा एक की छात्रा नैना कमरे में रह गई। प्रधानाध्यापिका ताला लगाकर घर चली गई। लगभग 3:40 बजे स्कूल के पीछे मंदिर परिसर से रामायण का पाठ सुनकर लौट रहे ग्रामीणों को बच्चे के रोने की आवाज आई। ग्रामीण स्कूल परिसर में एकत्रित होकर बच्ची को तलाशने लगे।
ग्रामीणों ने बच्ची से शोर मचाकर कहा कि वह जिस कक्षा में उसकी खिड़की खोल दे। बच्ची ने प्रयास के बाद खिड़की खोली तब ग्रामीणों को बच्ची दिखाई दी। बच्ची के परिजन भी पहुंच गए। बच्ची पसीने से तरबतर थी। ग्रामीणों ने खिड़की के पास पंखा लगाया। शाम साढ़े चार बजे ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकाला गया।
बच्ची पिता राहुल से लिपटकर रोने लगी। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापिका के निलंबन की मांग की, जिसके बाद बीएसए आशा चौधरी ने अनिता रानी को निलंबित कर दिया। एक साल पहले भी अनिता रानी एक मामले में निलंबित हुईं थी लेकिन बाद में बहाल हो गईं थी।