नई दिल्ली। कोलकाता की युवा डॉक्टर के साथ हुए बर्बर बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। इस नृशंस अपराध से उपजी पीड़ा और निराशा के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए त्वरित न्याय की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिससे देशभर के लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है।
मुज़फ्फरनगर के निवासी और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य, उज्ज्वल गौड़, जो वरिष्ठ अधिवक्ता अमित गौड़ के पुत्र हैं, ने इस मामले पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने माननीय मुख्य न्यायाधीश को एक मार्मिक पत्र लिखकर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने की अपील की थी। उज्ज्वल गौड़ ने लिखा, “यह घटना केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि मानवता और हमारे न्याय तंत्र के खिलाफ एक खुली चुनौती है। जनता की आखिरी उम्मीद अब सुप्रीम कोर्ट से है, जो ऐसे अपराधों पर न्याय दिलाने का कर्तव्य निभाती है।”
उज्ज्वल गौड़, जो डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के प्रति अत्यधिक चिंतित हैं, ने ‘डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट’ की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “डॉक्टरों की सुरक्षा के बिना समाज सुरक्षित नहीं हो सकता। मैं डॉक्टरों के साथ पूरी तरह से खड़ा हूं और उनकी हरसंभव सहायता करूंगा।”
सुप्रीम कोर्ट का यह स्वत: संज्ञान देशभर के लाखों लोगों की उम्मीदों का जवाब है। यह कार्रवाई न केवल न्यायपालिका की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि न्याय के लिए लड़ाई में उच्चतम न्यायालय अंतिम सहारा हैं, जो अंधकार में भी प्रकाश की किरण है।