गांधीनगर। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पूर्ण सहभागिता के साथ री-इन्वेस्ट समिट की मेजबानी के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री सहित पूरी राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो 2024 (री-इन्वेस्ट) के दूसरे दिन मंगलवार को आयोजित सत्र में जोशी ने कहा कि आज पूरी दुनिया गुजरात को हर क्षेत्र में विशेष प्रभाव के साथ एक प्रगतिशील राज्य के रूप में पहचानती है। गुजरात दशकों से नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में आगे रहा है। गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी बनाने वाला देश का पहला राज्य है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था, “गुजरात वह राज्य है जहां श्वेत क्रांति और मधु क्रांति का उदय हुआ है।” अब गुजरात में रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में भी क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि गुजरात क्लाइमेट चेन्ज के लिए अलग विभाग बनाने वाला पूरी दुनिया का पहला राज्य है। गुजरात में साल के 300 दिन भरपूर मात्रा में सूर्य प्रकाश आने के कारण गुजरात में सौर ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने की अनेक संभावनाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही, देश की सबसे लंबी तटरेखा होने के कारण यहां पवन ऊर्जा क्षेत्र में भी भरपूर संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वर्तमान में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में इन क्षमताओं को पहचानकर इन संसाधनों का श्रेष्ठ उपयोग कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजी की स्थापना के लिए गुजरात को ‘स्मार्ट चॉइस’ बताते हुए कहा कि भारत के सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में गुजरात की हिस्सेदारी लगभग 54 फीसदी है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत देश में 3.5 लाख ग्राहकों ने रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किया है, जिसमें से 50 फीसदी इंस्टॉलेशन पहले ही पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि क्लीन एनर्जी की पहल के लिए गुजरात को 4490 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसका गुजरात ने बेहतर तरीके से उपयोग किया है।
उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि गुजरात ने वर्ष 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को 100 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना में गुजरात ने एक मिसाल पेश की है। उन्होंने गुजरात को वास्तव में भारत का गौरव बताते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी गुजरात मॉडल का अनुसरण करते हुए पॉलिसी सपोर्ट प्रदान करने की शुरुआत करनी चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात सत्र में कहा कि देश के विकास का ग्रोथ इंजन गुजरात, ‘ग्लोबल डेस्टिनेशन’ और ‘गेट वे टू द फ्यूचर’ के साथ रिन्यूएबल एनर्जी स्रोत का अधिकतम विनियोग कर इस क्षेत्र में भी नेतृत्व कर रहा है।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गुजरात विंड और सोलर एनर्जी के उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। राज्य की 50 हजार मेगावाट से अधिक की स्थापित ऊर्जा क्षमता में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी 54 फीसदी है। मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय री-इन्वेस्ट समिट के अंतर्गत ‘एनर्जी ट्रांजिशन टूवर्ड्स 100 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी इन गुजरात’ विषय पर आयोजित स्टेट सेशन में भाग लिया। इस सेशन में गुजरात के ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई तथा नॉर्वे के पूर्व जलवायु और पर्यावरण मंत्री एरिक सोलहेम, मुख्य सचिव राज कुमार तथा मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर ‘मिशन 100 गीगावाट ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी इन गुजरात’ को लॉन्च करने के साथ ही ‘गुजरात एनर्जी विजन 2047’ का विमोचन भी किया।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री की उपस्थिति में चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। जिनमें पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) और गुजरात सरकार के बीच 5 हजार करोड़ रुपए, जीएसईसी और गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के बीच 59 हजार करोड़ रुपए, अवाडा एनर्जी और गुजरात पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीपीसीएल) के बीच 85 हजार करोड़ रुपए तथा जूनियर ग्रीन एनर्जी और गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (जीईडीए) के बीच 30 हजार करोड़ रुपए के एमओयू शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने उन्होंने आशा व्यक्त की कि रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और नेट जीरो, इन तीनों लक्ष्यों को हासिल करने के साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी में आत्मनिर्भरता के लिए यह समिट महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिन्दर सिंह भल्ला ने कहा कि गुजरात आज रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में भारत के मॉडल स्टेट के रूप में उभर रहा है। इसलिए ही री-इन्वेस्ट जैसी फ्लैगशिप समिट के आयोजन के लिए गुजरात सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। गुजरात के ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.जे. हैदर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने देश के एनर्जी ट्रांजिशन में गुजरात के योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. जयंती रवि, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव कमल दयाणी, उद्योग और खान विभाग की प्रधान सचिव ममता वर्मा, जीयूवीएनएल के प्रबंध निदेशक जयप्रकाश शिवहरे और यूजीवीसीएल के प्रबंध निदेशक अरुण महेश बाबू सहित देश के विभिन्न राज्यों से रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के अग्रणी मौजूद रहे।