चंडीगढ़ । हरियाणा की 15वीं विधानसभा के चुनाव का आज परिणाम घोषित हाे गया। इन परिणामाें से यह साफ हो गया है कि पिछली बार की तरह इस बार प्रदेश की विधानसभा में निर्दलीय विधायकों की संख्या कम रहेगी। वर्ष 2019 के चुनाव में छह निर्दलीय
चुनाव जीते थे। इस बार कुल तीन बागी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं। इनमें दो भाजपा के और एक कांग्रेस का बागी शामिल है।
इस चुनाव में प्रदेशवासियों की नजर कांग्रेस व भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वालों पर थी। हिसार से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीतीं सावित्री जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की माता हैं। सावित्री जिंदल पहले भी कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। उनके पति ओपी जिंदल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी मित्र थे।
भाजपा सरकार में बगैर विधायक बने अंतिम समय तक मंत्री रहे रणजीत चौटाला भी अपनी छवि का करिश्मा नहीं दिखा पाए हैं। निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले रणजीत सिंह को भी जनता ने नकार दिया है। कांग्रेस से बागी होकर अंबाला छावनी सीट से चुनाव लडऩे वाली चित्रा सरवारा फिर से चुनाव हार गई हैं। पिछली बार भी कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं देने पर वह बागी होकर चुनाव लड़ी थी और भाजपा के अनिल विज ने उन्हें हरा दिया है।
चुनाव से पहले साइबर सिटी गुरुग्राम में कई बड़े-बड़े काम करके सुर्खियों में आने वाले नवीन गोयल भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े लेकिन हार गए। गन्नौर सीट पर भाजपा के बागी देवेंद्र कादयान निर्दलीय चुनाव जीत गए हैं। इसके अलावा बहादुरगढ़ सीट पर कांग्रेस के बागी राजेश जून चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
इस प्रकार हिसार से भाजपा के बागी सावित्री देवी, गन्नाैर सीट से भाजपा के बागी देवेन्द्र कादयान और बहादुरगढ़ से कांग्रेस राजेश जून चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए हें। पिछले विधानसभा चुनाव में छह निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे।