कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 1978 में हुई एक हत्या के मामले में पांच आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। मामला नवंबर 1978 का है, जब सेल्हूपुर गांव में दिनेश नाम के शख्स की हत्या कर दी गई थी।
उसके परिजनों ने कुंवर लाल, अयोध्या प्रसाद, रामावतार व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
हालांकि, 23 अप्रैल 1979 को, दिनेश के परिवार और दोस्तों ने अयोध्या प्रसाद के घर पर धावा बोल दिया और उसके भाइयों सरजू, शिव प्रसाद, छोटे और चार वर्षीय पोते भीम सिंह की हत्या कर दी।
जमानत पर रिहा हुए अयोध्या प्रसाद ने भोगनीपुर थाने में 21 लोगों के खिलाफ दंगा और हत्या का मामला दर्ज कराया।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में पिछले चार दशकों से मुकदमा चल रहा था, जिसने अंतत: धनीराम, विजय बहादुर, बटोले, विजय नारायण, प्रेमचंद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि एक अन्य आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
प्रत्येक दोषियों पर 29,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।